खाटू.बाबा श्याम की नगरी खाटू में फाल्गुनी (लख्की)मेला पूरे शबाब पर रहा बाबा को एकादशी ग्यारस की धोग देने भक्त लाइन में लग अपनी पारी का इंतजार करते रहे हैं।तरह तरह के फूलों से सजे श्याम बाबा का दीदार करने दूर दूर से हाथों में निशान लेकर आ रहे बाबा के प्रेमियों का जत्था लगातार झूमते नाचते खाटू पहुचता रहा।
रविवार को एकादशी ग्यारस के पावन दिन श्याम बाबा की एक झलक पाने भक्त लगातार बाबा के दरबार मे इकट्ठा हुए लाखों की भीड़ होने के बावजूद लंबी कतार में लग बाबा के प्रेमी अपनी बारी का इंतजार कर रहे। जय श्री श्याम, तीन बाण धारी की जय जयकार करते हुए बाबा के चरणों मे भक्तों के शीश नावाने का सिलसिला चलता रहा पैदल चलकर बाबा के दर्शन करने आ रहे भक्तों के लिए मंदिर कमेटी की ओर से इत्र का छिड़काव किया गया इधर कलकत्ता और देश के कुछ अन्य शहरों के कारीगरों द्वारा मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया था वही श्याम बाबा का अलौकिक श्रृंगार देखते ही बन रहा है।मंदिर के बाहर मुख्य द्वार को स्वर्ग लोक की तर्ज पर सजाकर बाहर में गणेश की मूर्ति बनाई गई श्याम बाबा के मधुर भजन के बीच भक्तों ने उनका दर्शन प्राप्त किया तो वही हाथों में निशान लेकर बाबा के भक्तों का खाटू पहुचने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा था।
जब खाटू नरेश निकले नगर भ्रमण पर..
हर वर्ष की तरह इस बार भी बाबा श्याम का रथ खाटू मंदिर से लेकर खाटू के मुख्य चौक चौराहों में निकाला गया अपने घोड़े पर सवार सवारे सेठ को देखने भक्त पहले से ही जहा थे वही ठहर गए थे।ऐसी मान्यता है कि बाबा के रथ की सवारी उनके भक्तों का दुख दर्द जानने निकाली जाती है वही भ्रमण के बाद कबूतर चौक में रथ को दर्शन के लिए खड़ा किया जाता है।