जगदलपुर.दक्षिण बस्तर के डीआईजी रतन लाल डांगी का मानना है कि माओवादियों के शीर्ष नेतृत्व मे परिवर्तन केंद्रीय समिति के अंदरूनी कलह का नतीजा हैं।
सुरक्षा बलों की आक्रामकता से माओवादियों को 2018 मे संगठन के 50 वर्ष के इतिहास मे सबसे ज्यादा कैडर का पुलिस मुठभेड़ मे नुकसान हुआ हैं।पहली बार शहरों मे सक्रिय माओवादियों पर शिकंजा कसा गया हैं। केन्द्रीय समिति मे लम्बे समय से शीर्ष नेतृत्व को लेकर नाराजगी चल रही थी ।आखिर इसका परिणाम गणपति का तख्ता पलट के रूप मे सामने आ ही गया।
1992 मे ऐसा ही कोंडापल्ली सीता रमैया के साथहुआ था।कैडर मे गणपति के समर्थक माओवादी विद्रोह न कर दे या आत्मसमर्पण न कर दे इसलिए यह विज्ञप्ति जारी कर कि उसने स्वास्थ्य गत कारणों से शांतिपूर्ण पद त्याग किया है।जबकि इस बात मे रत्ती भर भी सच्चाई नही हैं।