बिलासपुर.बैंक अधिकारी एवं कर्मचारी यूनियनों ने भारतीय बैंक संघ के सैलरी में 2 फीसदी की बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। संगठन ने अपनी मांगों को लेकर मई महीने के अंत में 30 और 31 मई को हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है।
ऑल इंडिया बैंक आफसर्स कन्फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिलीप साहा ने बताया कि पहले चरण में 9 व 17 मई को बैंक कर्मचारी प्रदर्शन कर चुके हैं। उन्होंने कहा आईबीए की शुरुआती ऑफर महज 2 फीसदी बढ़ोत्तरी का था।जिसे पूरी तरह खारिज कर दिया गया। यूएफबीयू 9 ऑफिसर्स और इम्प्लॉइज यूनियंस को मिलाकर बनाया गया है। इसमें ऑल इंडिया बैंक आफसर्स कन्फेडरेशन,आल इंडिया बैंक इंपलाइज एसोसिएशन, नेशनल कंफ्रफेडरेशन आफ बैंक इप्लाइज, आल इंडिया बैंक आफसर्स एसोसिएशन, बैंक इंपलाइज फेडरेशन आफ इंडिया, इंडियन नेशनल बैंक इंप्लाइज आफिसर्स फेडरेशन, इंडियन नेशनल बैंक आफसर्स कांग्रेस, नेशनल आर्गेनाइजेशन आफ बैंक वर्कर्स और नेशनल आर्गेनाइजेशन आफ बैंक आफिसर्स शामिल हैं।
फोरम ने निर्णय लिया कि हड़ताल पर जाने के अलावा उनके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
उन्होंने बताया कि पिछली मीटिंग में आईबीए द्वारा रखे गए 2 फीसदी के ऑफर को खारिज कर दिया गया। पिछली बार 10वे द्विपक्षिय समझौते में आईबीए ने मात्र 15 फीसदी बढ़ोतरी की थी।
गुरुवार को पूरे देश मे विरोध प्रदर्शन की कड़ी में बिलासपुर, रायपुर में प्रत्येक बैंक की प्रत्येक शाखा में समस्त स्टॉफ सदस्यों द्वारा आईबीए के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुये 1 नवम्बर से बकाया 11 वा त्रिपक्षीय वेतन समझौता शीघ्र करने की मांग करते हुये बताया कि जनधन खाते से विमुद्रिकरण तक सरकार की समस्त योजनाये काम के बोझ से दबे हुये बैंकर्स पर थोपी गई है । जब सभी सरकारी योजनाओं के अनुपालन की जिम्मेदारी भी बैंकर्स की है तो उनके परिजनों के उचित भरण-पोषण हेतु वेतनवृद्धि हेतु सरकार क्यों ध्यान नही दे रही हैं।
प्रदर्शन में शैलेन्द्र खजांची, विजय येचुरी, अशोक डे, पी के कुकरेती, दीपचंद जैन, अनुपम, अभिजीत, नागेंद्र,आशीष तिवारी, एम एम कापसे, रूप रतन सिंह, मोजेश, पप्पू मुखर्जी, विक्रम पुनिया सहित बड़ी सँख्या में बैंक कर्मचारी व अधिकारी शामिल हुये।
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