बिलासपुर। सुप्रीम कोर्ट ने गौरांग हत्या कांड में आरोपी करन खुशलानी व किंशुक अग्रवाल की एसएलपी को खारिज कर दिया है।आरोपियों ने 302 के तहत मुकदमा चलाने के खिलाफ याचिका पेश की थी। आरोपियों ने कोर्ट के समक्ष सीसीटीवी फुटेज पेश किया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, सीसीटीवी फुटेज में सब कुछ दिखाई दे यह जरूरी नहीं है।
ज्ञात हो कि 22 जुलाई की रात मैग्नेटो मॉल के टीडीएस बार में शराब पीने के बाद बिल्डर श्रीरंग बोबड़े के बेटे गौरांग बोबड़े की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने किंशुक अग्रवाल, करण खुशलानी, करण जायसवाल और अंकित मल्होत्रा पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया था। विचरण न्यायालय ने सुनवाई के दौरान सीसीटीवी फुटेज का अवलोकन करने के उपरांत सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 304 भाग दो के बजाय धारा 302 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर हत्या के मामले में सुनवाई प्रारभ किया है। इसके खिलाफ आरोपियों ने सुको में एसएलपी दाखिल की थी।सुको ने आरोपियों की एसएलपी को खरिज कर दिया है। उलेखनीय है कि आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है। पीड़ित पक्ष की ओर से अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव ने आरोपियों के एसएलपी का विरोध कर खारिज करने की मांग की थी।