रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भारतीय संविधान में जनजातीय समाज के लिए किए गए उन्हें उनका आरक्षण हक दिलाने की बात कही है। रविवार को रांची में केंद्रीय सरना समिति के राज्यस्तरीय सामूहिक विवाह कार्यक्रम में उन्होंने स्पष्ट कहा कि संविधान में जनजातीय समाज के लिए 26 प्रतिशत आरक्षण चिह्नित है, यह अधिकार उन्हें मिले इस दिशा में सरकार काम कर रही है। सरकार आदिवासियों के हित में जल्द निर्णय लेगी, कानूनी परामर्श लिया जा रहा है। आदिवासियों से उनका अधिकार कोई नहीं छीन सकता। धर्म परिवर्तन करने वालों कोआरक्षण के लाभ से वंचित किए जाने की मांग के बीच मुख्यमंत्री के इस वक्तव्य को काफी अहम माना जा रहा है। सामूहिक विवाह कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 351 जोड़ों को आशीर्वाद दिया।
इस मौके पर सीएम ने राष्ट्रविरोधी शक्तियों को भी निशाने पर लिया। कहा, कुछ राष्ट्रविरोधी शक्तियां आदिवासियों की संस्कृति पर हमला कर रहीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जनजाति समाज आज भी विकास की राह देख रहा है। पिछले 70 वर्षो से लोगों ने सिर्फ आदिवासी के नाम पर राजनीति की है। आदिवासी समाज आज भी वोट बैंक के रूप में देखा जाता है। हमारी सरकार इस मिथक को तोड़ना चाहती है। सरकार आदिवासियों के हित में निर्णय ले रही है ताकि हमारा शोषित और वंचित वर्ग समाज से बराबरी क
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार गांव में सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है। 30 जून को हूल दिवस के दिन से 15 अगस्त तक 500 की आबादी वाले गांवों में प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई सात अहम योजनाओं को शत प्रतिशत लागू करने के लिए आदिवासी जन उत्थान अभियान चलाया जा रहा है। कार्यक्रम में केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद्र तिर्की और कार्यकारी अध्यक्ष बबलू मुंडा ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर खादी बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ, कला संस्कृति एवं खेलकूद विभाग के सचिव मनीष रंजन सहित बड़ी संख्या में सरना समाज के लोग उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय सरना समिति से कहा कि वह वह जनजातीय समाज को शिक्षित करने में भी अपनी भूमिका निभाए ताकि आरक्षण का लाभ इन्हें मिल सके। आदिवासी समाज से भी आइएएस, आइपीएस, डाक्टर, इंजीनियर, डीएसपी और दरोगा होना चाहिए। कहा, बच्चों की शिक्षा में रुकावट न आए इसके लिए सरकार ने 10 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री फैलोशिप योजना के तहत आवंटित किए हैं। सीएम ने विद्यादान को कन्यादान से भी महत्वपूर्ण बताया। कहा, केंद्रीय सरना समिति विद्यादान का भी कार्यक्रम आयोजित करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि आरक्षण का लाभ लेना है तो अपने बच्चे और बच्चियों को पढ़ाएं जरूर। हमें आदिवासी समाज को शिक्षित समाज बनाना है।
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 351 नव विवाहित दंपत्तियों को नए दांपत्य जीवन की शुभकामनाएं दी। उन्होंने केंद्रीय सरना समिति के इस प्रयास की सराहना भी की। कहा, समाज को स्वस्थ्य रखने के दृष्टिकोण से लिया गया यह बड़ा निर्णय है। अलग विवाह होने से कितनी परेशानी होती है, इससे हम सभी अवगत हैं। एक शादी में लाखों रुपये खर्च होते हैं। गरीब कर्ज में दब जाता है। सामूहिक विवाह इससे बचाता है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सामूहिक विवाह कराने वाली संस्थाओं को प्रति जोड़ा दो-दो हजार रुपये की आर्थिक मदद देने की भी घोषणा की। कहा, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के दायरे में आने वाले प्रत्येक जोड़े को 30-30 हजार रुपये दिए जाएंगे।