बिलासपुर. हाईकोर्ट ने वरिष्ट आईपीएस पवन देव पर लगे लैंगिग उत्पीड़न के आरोप की सुनवाई करते हुए अंतरिम कमेटी की रिपोर्ट के बाद भी कारवाई नही होने पर केंद्र सरकार और राज्य शासन समेत डीजीपी को नोटिस जारी कर हाईकोर्ट ने हफ्ते भर के भीतर जवाब मांगा है.
शुक्रवार को हाईकोर्ट की डबल बैंच ने मुंगेली की महिला सिपाही द्वारा लगाई गयी जनहित याचिका की सुनवाई की और जस्टिस मनींद्र मोहन श्रीवास्तव और संजय एस अग्रवाल की बैंच ने एडीजी और तत्कालीन बिलासपुर आईजी पवन देव पर लगे लैंगिग उत्पीड़न के मामले में राज्य सरकार द्वारा गठित आंतरिक जांच कमेटी की रिपोर्ट में आरोप सिद्ध होने के बाद भी अब तक कारवाई नही होने पर जवाब मांगा है. पीड़िता के वकील ने हाईकोर्ट में बताया कि पवन देव समेत राज्य के अन्य बड़े अधिकारियों पर लगे आरोप की जांच में आरोप सिद्ध होने के बाद भी कोई कारवाई नही की गई है. इस पर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्य शासन समेत डीजीपी को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया है. मालूम हो की प्रदेश सरकार के एडीजी और तत्कालीन बिलासपुर आईजी पवन देव पर मुंगेली की एक महिला आरक्षक से फोन पर अश्लील बातें कर देर रात अपने बंगले बुलाने का आरोप सुर्खियों में आया थाा. इसके बाद आईएएस रेणु पिल्ले की अध्यक्षता में बनी आंतरिक जांच कमेटी का गठन कर मामले की जांच की गई और पवन देव पर लगे सभी आरोपोों को सही पाया गया.