पौड़ी गढ़वाल: के जंगलों में बेशकीमती वन सम्पदा को वन माफिया धड़ल्ले से लूट रहे हैं. चिंताजनक बात यह भी है कि पौड़ी ज़िले के जिस क्षेत्र से प्रदेश के वन मंत्री हरक सिंह रावत विधायक है उसी क्षेत्र के आसपास यह अवैध कटान धड़ल्ले से जारी है. इसका पता हाल ही में 20 लाख रुपये लागत की खैर की लकड़ी बरामद होने के बाद चला है.
पौड़ी ज़िले के लैंसडौन वन प्रभाग का क्षेत्र एक तरफ कॉर्बेट पार्क से लगा हुआ है तो दूसरी तरफ इसके भाबर और मध्य हिमालयी क्षेत्र में वनसम्पदा की भरमार है लेकिन इसी वन सम्पदा पर वन माफियाओं की नज़र लग चुकी है. ताजा मामला समाने आया है लैन्सडाउन वन प्रभाग से जहां लालढांग रेंज में बिना अनुमति के बेसकीमती 78 पेड़ जड़ से उखाड़ दिए गए जबकि यमकेश्वर ब्लॉक के दिबोगी गांव में 60 पेड़ों की अनुमति के एवज में 115 खैर और शीशम के पेड़ अवैध रूप से काट दिए गए.
यह मामला ग्रामीणों के शिकायत करने के बाद सामने आया. इस बारे में पता चलते ही लैंसडौन वन प्रभाग ने मामले में कार्रवाई कर लकड़ियां ले जा रहे दो ट्रक और ट्रैक्टर ट्राली को सीज कर दिया और करीब 20 लाख रुपये लागत की 20 घनमीटर खैर की अवैध रूप से काटी गई लकड़ी बरामद की है.
दरअसल दिबोगी गांव के दो ग्रामीणों ने अपनी नापखेत की भूमि में 25 मई, 2018 को 30-30 हरे खैर के पेड़ों को काटने की अनुमति पेड़ काटने की इजाजत मांगी और वन विभाग ने इसकी अनुमति दी लेकिन 30-30 पेड़ की जगह कोटद्वार के एक ठेकेदार ने 115 हरे पेड़ काट डाले. लालडांग क्षेत्र में भी एक अन्य शिकायत पर वन विभाग ने छापा मारा तो 78 पेड़ यहां भी अवैध रूप से कटे हुए मिले जिसकी वन विभाग से अनुमति तक नहीं मिली थी.
मामले मे वन विभाग ने काश्तकारों समेत ठेकेदार और उसके मुंशी के खिलाफ वृक्ष संरक्षण अधिनियम (tree protection act) के तहत मुकदमा दर्ज किया है. प्रदेश के वन मंत्री हरक सिंह रावत का कहना है कि वन विभाग के अधिकारियों को पूरी छूट दी गई है कि वो अवैध पेड़ काटने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें.बहरहाल वन विभाग अब मामले की जांच में जुट गया है .