बिलासपुर. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में संसदीय सचिवों के पद को बरकरार रखते हुए मंत्रियों जैसी सुविधा से वंचित कर दिया है । चीफ जस्टिस टीबी राधाकृष्णन और जस्टिस शरद गुप्ता की डबल बेंच ने आज इस मामले में फैसला सुनाया है । इससे याचिकाकर्ता मोहम्मद अकबर और राकेश चौबे को बड़ा झटका लगा है । उन्होंने याचिका में जिक्र किया था कि छत्तीसगढ़ में संसदीय सचिव के पद का कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है। छग सरकार ने अपने विधायकों को फायदा पहुंचाने के लिए इन पदों का सृजन किया है। इसे लाभ का पद बताते हुए हटाने की मांग की गई थी।
इनको मिली राहत..
राजू सिंह क्षत्रीय,तोखन साहू,अंबेश जांगड़े,लखन लाल देवांगन,मोतीलाल चंद्रवंशी,लाभचंद बाफना,रूपकुमारी चौधरी,शिवशंकर पैकरा,सुनीति राठिया,चंपादेवी पावले,गोवर्धन सिंह मांझी.