बिलासपुर। भारतीय जनता पार्टी विधानसभा द्वारा आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान को लेकर विधानसभा स्तरीय सम्मेलन स्व.लखीराम अग्रवाल आडिटोरियम में आयोजित की गई। सम्मेलन को संबोधित करते हुए विधायक व पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि आज हमें आप सभी से स्वदेशी के संकल्प पर चर्चा करने का सौभाग्य मिला है। स्वदेशी केवल आर्थिक क्षेत्र में ही नहीं है, यह हमारी संस्कृति और आत्मा का हिस्सा है। हम विदेशी वस्तुओं के पीछे भागने के बजाय अब अपनी जड़ों को पहचान रहें है। दुनियां में योग, आयुर्वेद, हस्तशिल्प, परंपरागत उद्योग यह सब आज वैश्विक पहचान बना चुके है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का आव्हान कि आज मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल अवसंरचना और वोकल फॉर लोकल जैसे अभियान इसी विरासत को आगे बढ़ा रहे है। स्वदेशी, स्वभाशा और स्वभूशा तीनों मिलकर हमें याद दिलाती है कि हमारी शक्ति, हमारी संस्कृति और हमारी उद्योग-कुशलता ही हमें आत्मनिर्भर भारत की ऊंचाइयों तक ले जाएगी। आज भाजपा सरकार इसी मंत्र पर चलते हुए स्वदेशी को बढ़ावा दे रही है। अब स्वदेशी का स्वरूप खादी या दीये तक सीमित नहीं है। आज यह मिसाइल से लेकर सेमीकंडक्टर तक, भारतीय भाशाओं और ज्ञान परंपराओं से लेकर विश्व स्तरीय वस्तु और शिल्प तक फैल चुका है।
नगर विधायक अमर अग्रवाल ने आगे कहा कि आज समय है देश के इस गौरवशाली विरासत को भविष्य की तैयारी के साथ पुनः स्थापित करने का जिसके लिए प्रत्येक भारतवासी की जन भागीदारी आवश्यक है। आत्मनिर्भर भारत का रास्ता स्वदेशी के प्रयोग और निर्माण से होकर जाता है। श्री अग्रवाल ने कहा जब पूरी दुनिया कोरोना वैक्सीन के लिए कतार में खड़ी थी, तब भारत ने न सिर्फ अपनी 140 करोड़ जनता को सुरक्षित किया बल्कि 100 से अधिक देशों को वैक्सीन के तहत् जीवन दिया। आज जब भारत आत्मनिर्भरता की राह पर चल रहा है, तब जनता को समझना होगा कि देश का भविश्य मेक इन इंडिया और मेड बाय इंडियंस में ही है। हम आप सभी से आव्हान करते है वोकल फॉर लोकल बने अपने उद्योग अपने कारीगर और अपने किसानों का समर्थन करें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि स्वदेशी आंदोलन कोई सदियों पुराना अवशेश नहीं है, बल्कि एक ऐसा अभियान है जो भविष को मजबूत करता है और इसका नेतृत्व समाज, विशेशकर युवाओं को करना चाहिए। 2047 तक भारत को आत्मनिर्भर बनाने हेतु आपको हमको सभी को एक जूटहोकर कदम से कदम मिलाकर चलना है।



