बांग्लादेश हिंसा: हिंदू युवक दीपू चंद्र दास के चार आरोपियों ने कबूला गुनाह, भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर शव को फांसी से लटका कर जला दिया

शेख हसीना सरकार के तख्तापलट करने वाले कट्टरपंथी नेता उस्मान हादी (Osman Hadi) की हत्या के बाद से बांग्लादेश हिंसा (Bangladesh violence) की आग में जल रहा है। वहीं, दूसरी तरफ मुस्लिम कट्टरपंथी हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं। पिछले 10 दिन में दो हिंदू बेटों की कट्टरपंथियों ने निर्मम हत्या कर दी है। हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या करने में शामिल 4 हत्यारो ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। इन आरोपियों ने गुरुवार को मयमनसिंह मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत की वरिष्ठ न्यायिक मजिस्ट्रेट तहमिना अख्तर टोमर की अदालत में अपने बयान दर्ज कराए।



दरअसल मुस्लिम कट्टरपंथियों ने दीपू पर ईशनिंदा (पैगंबर मुहम्मद) का आरोप लगाने के बाद पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।हत्या करने के बाद उसके शव को पेड़ से बांधा और फिर शव को आग लगा दी थी। वहीं अब दीपू चंद्र दास के बाद अब अमृत मंडल उर्फ सम्राट की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी है। अमृत की उम्र 29 साल थी। मयमनसिंह के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (प्रशासन) अब्दुल्लाह अल मामुन ने बताया कि आरोपियों ने अदालत में धारा 164 के तहत अपने बयानों में अहम जानकारी दी है। हालांकि, जांच के हित में इन जानकारियों का खुलासा नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि आरोपियों ने खुद इस घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। साथ ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने कहा कि ऐसा लग रहा था कि यह प्लानिंग के तहत किया गया है, लेकिन यह साजिश नहीं थी। अपने अलावा आरोपियों ने कुछ अन्य लोगों के नाम भी बताए हैं, जो सीधे तौर पर इस घटना में शामिल थे। तीन दिन की रिमांड पर भेजे गए बाकी 6 लोगों को शुक्रवार (26 दिसंबर) को पुलिस हिरासत में लिया जाएगा।


आरोपी तारिक हुसैन (19), मानिक मिया (20), निजामुल हक (20) और अजमल छागिर (26) आरोपियों ने अपने बयान दर्ज कराए हैं। ये सभी भालुका के हाबिरबाड़ी यूनियन के दुबलियापारा इलाके में मौजूद पायनियर निटवेयर (बीडी) लिमिटेड फैक्ट्री के कर्मचारी हैं। ये लोग दिपू के साथ काम करते थे।


दीपू को भीड़ ने क्यों पीटा?


मयमनसिंह में दीपू चंद्र दास गारमेंट फैक्ट्री में काम करता था और इसी इलाके में किराए में रहता था। पुलिस के मुताबिक, रात करीब 9 बजे स्क्वायर मास्टर बारी डुबालिया पाड़ा इलाके में भीड़ ने दीपू चंद्र दास को पकड़ लिया था। दीपू पर आरोप लगाया गया था कि दीपू ने पैगंबर के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की है। गुस्साई भीड़ ने उसको बेरहमी से पीटा जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई। इसके बाद बर्बरता यहीं तक नहीं रुकी बल्कि हमलावरों ने शव को एक पेड़ से बांधा और फिर आग लगा दी।


एक और अल्पसंख्यक की हुई मौत


इधर दीपू चंद्र दास के बाद बांग्लादेश में हिंसा का एक और मामला सामने आया है। अब अमृत मंडल उर्फ सम्राट की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी है। अमृत की उम्र 29 साल थी। पुलिस ने बताया कि स्थानीय लोगों ने अमृत मंडल पर जबरन वसूली का आरोप लगाया था, जिसके बाद भीड़ ने उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी।





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