बड़ा एक्शन: कलेक्टर – एसपी के बाद अब डीन और एमएस की गई कुर्सी, नाराज हेल्थ मिनिस्टर जायसवाल ने किया सस्पेंड.

बिलासपुर. प्रदेश की सुशासन सरकार ने एक बार फिर बड़ा एक्शन लिया है। जिले के स्वास्थ विभाग की नब्ज टटोलने आए हेल्थ मिनिस्टर ने सुपर स्पेशलिटी मल्टी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर का निरीक्षण किया फिर सिम्स की अधिशाषी समिति की बैठक में ऐसा बिफरे की डीन और एम एस को मौके पर ही सस्पेंड कर दिया। राज्य के दूसरे बड़े जिले में बदहाल स्वास्थ व्यवस्था और शिकायतों की लंबी फेहरिस्त को लेकर विपक्ष भी हल्ला मचा रहा था जिसे भी मंत्री के एक्शन मूड से जोड़कर देखा जा रहा है।

जिले के स्वास्थ विभाग में सीएम विष्णु देव की सरकार आने के बाद पहली बड़ी सर्जरी की गई है। विभाग के कामकाज की नव काटोल में आए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सिम्स में बैठक के दौरान डीन डॉ. के.के. सहारे और एम.एस. डॉ. एस.के.नायक को सस्पेंड कर दिया है। मिली जानकारी के अनुसार सिम्स की अधिशाषी समिति की बैठक में स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल मरीजों को हो रही परेशानी और सिम्स प्रबंधन की कार्यशैली से नाराज हुए और लापरवाही बरतने पर डीन डॉ सहारे और डॉ एम.एस. नायक को सस्पेंड करने के दिए निर्देश जारी कर दिया।

सेवा भाव से करे काम.

जिले की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था से नाराज स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल डीन और एम एस सस्पेंशन करने के बाद चिकित्सकों और सिम्स स्टाफ को सेवा भाव से काम करने की सलाह दी उन्होंने कहा कि विष्णुदेव साय की सरकार सुशासन की पक्षधर, गरीब जनता का हित सर्वोपरि है।

सिम्स प्रबंधन पर कई आरोप.

मालूम हो कि छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) पर आए दिन लापरवाही बरतने का गंभीर आरोप लगता ही रहता है। वेंटिलेटर पर आ चुके सिम्स प्रबंधन को इसके बाद भी कोई फर्क नहीं पड़ता। मरीज का ट्रीटमेंट हो या मशीनों की बात, स्वाइन फ्लू का इलाज या मौसमी वायरल और खास तौर पर सिम्स में छेड़खानी की शर्मनाक घटना से जिले की थू थू मची हो रही थी। जिसे लेकर विपक्ष में बैठी कांग्रेस को मुद्दा मिला और खूब हो हल्ला मच रहा था।

इधर नगर के पूर्व विधायक शैलेश पाण्डेय ने भी सोमवार को मंत्री के शहर पहुंचने से पहले कई गंभीर आरोप लगा सिम्स की बदहाल स्थिति को लेकर सवाल खड़े किए थे तो वही मिडिया से चर्चा के दौरान सिम्स की हालत वेंटिलेटर पर के सवाल पर मंत्री जायसवाल ने कहा कि यह हमारी नहीं बल्कि पूर्व की कांग्रेस सरकार की देन हैं। मालूम हो कि इससे पहले भी राज्य में बड़ी कारवाई हुई और सीएम साय ने कवर्धा कांड से नाराज होकर कलेक्टर और एसपी को हटा दिया था।

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