रायगढ़. छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण के चुनावी मुक़ाबले के ठीक पहले कांग्रेस को तगड़ा झटका उस वक़्त लगा, जब रायगढ़ में पूर्व मंत्री दिवंगत शक्राजीत नायक के बेटे और पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान विधायक रह चुके प्रकाश नायक के छोटे भाई कैलाश नायक ने कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा का भगवा गमछा पहन लिया. राजनीतिक लिहाज़ से ये घटनाक्रम बेहद अहम माना जा रहा है. दिलचस्प पहलू यह है कि कैलाश नायक के भाजपा प्रवेश के चंद घंटे पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नायक परिवार के घर बोरे बासी खाने पहुंचे थे.
रायगढ़ की राजनीति को करीब से समझने वाले जानकार बताते हैं कि शक्राजीत नायक की राजनीतिक विरासत का असली हकदार कैलाश नायक को ही माना जाता रहा है, लेकिन उनके बड़े बेटे होने की वजह से प्रकाश नायक ने विरासत संभालने के लिये ख़ुद को आगे कर दिया. कैलाश नायक के भाजपा प्रवेश के पीछे साय सरकार के मंत्री ओपी चौधरी की मुख्य भूमिका रही. नायक ज़िला पंचायत सदस्य भी हैं.
कैलाश नायक के साथ-साथ हुकुमचंद अग्रवाल, महावीर अग्रवाल, कैलाश अग्रवाल, योगेन्द्र अग्रवाल और टिंकु अग्रवाल ने भी भाजपा प्रवेश किया है. भाजपा ने कहा है कि कांग्रेस नेताओं ने सनातन धर्म की रक्षा और प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत के निर्माण के संकल्प में अपनी भागीदारी निभाने के लिए भाजपा में शामिल होने का फैसला लिया. सभी ने छत्तीसगढ़ के लोकसभा चुनाव में राज्य की 11-11 सीटें मोदी जी की झोली में डालकर उनको मजबूत करने का भरोसा दिलाया है. वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने सभी को भगवा गमछा पहनाकर स्वागत किया. उन्होंने भी उम्मीद जताई है कि पंचायत प्रतिनिधियों सहित अन्य नेताओं के भाजपा में शामिल होने से विकसित भारत की परिकल्पना को मजबूती मिलेगी. उन्होंने रायगढ़ सहित प्रदेश की सभी 11 सीटों पर कमल खिलाने की अपील की है.