भाजपा शामिल हुए कांग्रेसी नेता ने निस्तार की जमीन हड़पने चांटीडीह में बवाल मचाया.. देखिए वीडियो.

० निस्तारी रास्ते से बिजली खंभा हटाने दो सिपाहियों को भी साथ में लाया, यादव का जमीन विवादों से नाता.

बिलासपुर. बुधवार की सुबह सीएसपीडीसीएल के अधिकारी और स्टाफ से साठगांठ कर अरपापार के एक फूल छाप कांग्रेसी पार्षद ने अपने कुछ छुटभैया कार्यकर्ताओं के दम पर सालों पुराने निस्तारी रास्ते को अपना बता बिजली का खंबा निकालने पहुंच गया जब इस बात का विरोध कर आसपास के रहवासियों जमीन पर किसी तरह की दखलंदाजी न करने कोर्ट के आदेश का दस्तावेज दिखाया तो पार्षद विवाद करने पर उतारू हो गया और कोर्ट के आदेश को मानने से इंकार करने लगा। देखते ही देखते मौके पर भीड़ लग गई और लोगों ने इस घटना का वीडियो बना सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया।

शहर के अरपापार माता परमेश्वरी वार्ड नं 55 के पार्षद विष्णु यादव जो हाल ही में कांग्रेस पार्टी का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हुए है। अपने कुछ साथियों को लेकर बेवजह चांटीहीह पुराने सब्जी बाजार के पीछे स्थित शिव मंदिर से सटे काफी पुराने निस्तारी रास्ते को अपना बता बिजली के खंबे को निकालने पहुंच गया। इस घटना की पड़ताल जब ‘OMG NEWS‘ ने की तो आरोप लगा कि दलबदलु पार्षद यादव का सरकारी जमीन पर कब्जा करने से पुराना नाता है इधर आज सुबह करीब 11 बजे विष्णु यादव ने मौके पर जमकर बवाल काटा और कुछ युवकों के दम पर निस्तारी रास्ते पर अपना मालिकाना हक जता बिजली का खंबा हटाने की जिद्द करने लगा। आश्चर्य की बात है कि पार्षद यादव अपने साथ बिजली विभाग के कर्मचारी और सरकंडा थाने के पेट्रोलिंग टीम से पुलिस के दो जवानों को लेकर आया था। जो बिना दस्तावेजी जानकारी के पार्षद विष्णु यादव की बोली बोल कर बिजली का खंबा उखाड़ उक्त गली के रहवासियों की बिजली काटने पर अड़ गए। जब इस बात का विरोध वहां के लोगों ने किया तो पार्षद विष्णु यादव और उसके साथी विवाद पर उतारू हो गए और कोर्ट के आदेश को न मानने की धमकी देकर गली के युवकों और महिलाओं से धक्का मुक्की करने लगे यह विवाद इतना बढ़ गया था कि साइंस कॉलेज रोड़ पर तमाशबीन लोगों की भीड़ लग गई और किसी ने घटना का अलग अलग एंगल से वीडियो बना सोशल मीडिया पर अपलोड कर कैप्शन दिया पार्षद की दादागिरी.

(वीडियो में हो हल्ला और कुछ जगह अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया है, इसलिए वीडियो को म्यूट किया गया है)

दूसरे पक्ष ने कहा कि.

इधर अपने साथियों को लेकर दादागिरी करने आए पार्षद विष्णु यादव को गली वालों ने कोर्ट के आदेश का हवाला दिया। गली के निवासी हरजीत कौर,अनिल अग्रवाल, पूनम ओझा व अन्य ने बताया इससे पहले भी पार्षद विष्णु यादव बेवजह विवाद कर चुका है। जिससे परेशान होकर हम लोगों ने कोर्ट से स्टे लिया है वही इस मामले में पार्षद विष्णु यादव का पक्ष जानने उनसे संपर्क नही हो पाया है।

कोर्ट के आदेश अनुसार.

दूसरे पक्ष ने बताया कि कोर्ट के आदेश अनुसार द्वारिका प्रसाद यादव जो की पार्षद विष्णु यादव का चाचा लगता है उसे किसी भी तरीके से निस्तारी रास्ते में दखलअंदाजी करने से परहेज करना होगा और ना ही वह आज अपना हक जाता सकते हैं और न ही भविष्य में, इसके अलावा कोर्ट के आदेश में लिखा है कि विद्युत विभाग निष्पक्ष रूप से नियम और कायदे कानून के अनुसार अपनी कार्यवाही कर सकता है।

कांग्रेसी ठेकेदार पहुंचा दल बदलू पार्षद के पक्ष में फिर.

इस घटना के बाद एक बात और सामने आई कि खुद को कांग्रेस पार्टी से जोड़ विद्युत विभाग की ठेकेदारी करने वाला विवादित ठेकेदार हरमेंद्र शुक्ला इस विवाद में अक्सर दल बदलू पार्षद विष्णु यादव के पक्ष में गली वालों से भिड़ने चला आता है। बुधवार की सुबह भी ठेकेदार शुक्ला पार्षद यादव और उसके गुर्गों के साथ नजर आया। कुछ देर बाद जब यह मामला सरकंडा थाने पहुंचा तो टीआई के सामने पानी पानी हुआ ठेकेदार शुक्ला पार्षद यादव के साथ मौके पर विवाद करने की बात से मुकर बगले झांकने लगा और चुपचाप टीआई के कमरे से खिसक जाने में ही अपनी समझदारी समझी।

और भाग गया बसंत विहार जोन का स्टाफ.

पार्षद विष्णु यादव अपने साथियों के अलावा बसंत विहार जोन से एक स्टाफ श्री दीपक को लेकर साथ आया था। श्री दीपक पर पार्षद विष्णु यादव से साठगांठ का आरोप लग रहा है। पार्षद के कहने पर आए बसंत विहार जोन का स्टाफ भी निस्तारी रास्ते से बिजली के खंभे को निकालने पर अड़ा हुआ था। जब गली वालों ने मोबाइल कैमरा चालू कर उससे इस बाबत कोई भी रिटर्न दस्तावेज के बारे में पूछा तो श्री दीपक वहां से नौ दो ग्यारह हो गया। इधर ‘OMG NEWS’ ने श्री दीपक से संपर्क किया,पहले तो उन्होंने ऐसी किसी भी घटना में शामिल होने से इंकार कर दिया। लेकिन उनके उपस्थिति का वीडियो फुटेज होने की बात सामने आते ही उन्होंने हड़बड़ा कर कहा कि मैं शेख शदाब सर जेई के बोलने पर गया था। जब पता चला कि वहां प्रतिवाद का मामला है तो मैं वापस आ गया।

चंद मिनट में पहुंचे थाने के दो सिपाही.

साइंस कॉलेज रोड पर विवाद की सूचना मिलते ही चंद्र मिनट बाद थाने के आरक्षक छत्रपति दीक्षित और इमरान मौके पर पहुंच गए थे। लोगों का आरोप है कि आरक्षक छत्रपति दीक्षित की बातों से एसा लग रहा था कि वह पार्षद विष्णु यादव के द्वारा पढ़ाया हुआ पहाड़ा पढ़ रहा हो। वीडियो फुटेज में भी आरक्षक दीक्षित गली के लोगों को बिजली का खंबा उखाड़ने की बात कहता नजर आ रहा है। इधर सरकंडा टीआई तोप सिंग नवरंग ने दोनो पक्षों को थाने तलब किया और एक दूसरे की सुनवाई कर दोनो पक्षों को समझा कोर्ट के आदेश का हवाला देकर शांत करवाया।

बेलतरा विधायक से भी की शिकायत.

प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन राज में सत्ता का लाभ पाने की लालच में आए पार्षद विष्णु यादव की सरकारी जमीनों पर कब्जा जमाने की शिकायत पीड़ित लोगों ने बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला से की है।

शिकायत में पीड़ित लोगों ने लिखा कि.

शिकायत के अनुसार,ग्राम चांटीडीह, पटवारी
हल्का नंबर 33, खसरा नं. 551 की 222 डिसमिल लगभग दस हजार वर्गफुट का शासकीय धरसा मार्ग
है, जिसकी चौड़ाई लगभग 30-40 फीट है। जो कि साइंस कॉलेज से पचरी घाट बैराज की ओर
जाने वाले 397 खसरा नंबर वाले मुख्य मार्ग से मिलता है, और हम सब सालों से इस शासकीय मार्ग
का अपने आवागमन के लिए कर रहे थे, परंतु निगम और शासन की करोड़ों की इस जमीन पर यहाँ के
गोस्वामी एल्युमीनियम के संचालक बीना गोस्वामी पति घनश्याम गोस्वामी के परिवार द्वारा शासकीय
नार्ग पर अपना अवैध निर्माण कर अपनी दुकान, मकान, गैराज, गोदाम बनाकर अपना निजी गेट
लगाकर रख लिया है और आम जनता के लिए इस रास्ते को बंद कर अपने कब्जे में ले लिया है।
इसके साथ ही शासन के पी. डब्ल्यू. डी. विभाग खसरा नंबर 397 से 44 डिसमिल जमीन साइंस कालेज से पचरी घाट बैराज जाने वाले मुख्य मार्ग हेतु अधिग्रहित की गई थी, अब इस अधिग्रहित मुख्यमार्ग की शासकीय जमीन को विष्णु यादव द्वारा अपना कब्जा करने का प्रयास कर यहाँ वर्षों से रह रहे
निवासियों के मूलभूत सुखाधिकार को छीनने का प्रयास व परेशान किया जा रहा है। जबकि – (1)
मुख्य मार्ग हेतु PWD विभाग द्वारा तैयार एलाइनमेंट के दस्तावेज ( 2 ) 397 ख.नं. की PWD विभाग द्वारा मुख्य मार्ग हेतु अधिग्रहित जमीन का रिकार्ड ( 3 ) राजस्व विभाग का भू- नक्शा (4) सन् 1990से
निवासरत् परिवार के रजिस्ट्री पेपर के दस्तावेज इत्यादि इस बात का स्पष्ट उल्लेख करते हैं कि 397
ख.नं. का यह अधिग्रहित भूमि शासन की है।
अतः शासन से यह अपील है कि शासकीय मार्ग ख.नं. 551 व ख.नं. 397 जो शासन ने
मुख्य मार्ग के लिए अधिग्रहित की थी, उसका विधिवत् सीमांकन व जाँच सक्षम अधिकारी द्वारा करवाकर दोषियों कार्यवाही की जाए व शासकीय मार्ग की जमीन को संरक्षित की जाए।

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