आरंग. स्वास्थ से संबंधित मामलों पर शासन, प्रशासन और विभाग कड़ी निगरानी रखता है. कही भी शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई भी होती है, लेकिन ऐसी कार्रवाई अभी तक आरंग के साॅई हॉस्पिटल पर क्यों नहीं हुई, ये सवाल बड़ा सवाल है? सवाल लाजमी है, क्योंकि किसी भी निजी अस्पताल के संचालन के लिए विभागीय अनुमति के साथ स्थानीय स्तर पर प्रशासन से अनुमति लेनी होती है. सभी नियमों और शर्तों को पूरा करने के बाद ही हॉस्पिटल के संचालन की अनुमति मिलती है, लेकिन आरंग के साॅई हॉस्पिटल में इतनी अनियमितता और लापरवाही के बाद अभी तक कार्रवाई नहीं होना समझ से परे है. स्वयं जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के आदेश को ठेंगा दिखाया जा रहा. ऐसा प्रतीत होता है कि साॅई हॉस्पिटल को प्रशासनिक और राजनीतिक दोनों का संरक्षण मिल रहा था. खैर देर आए दुरुस्त आए, अब प्रशासन की नकेल कसने के बाद साॅई हॉस्पिटल पर कार्रवाई होना तय है.
क्षेत्र में हॉस्पिटल की हुई जांच और कार्रवाई के निर्देश से लूट के शिकार हुए मरीज और उनके परिजन को प्रशासन से न्याय की उम्मीद जगी है. आरंग सहित क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित अन्य हॉस्पिटल और क्लिनिक पर कभी भी कार्रवाई हो सकती है.
जांच में बड़ा खुलासा : नियम विरुद्ध निकाला जाता था महिलाओं का गर्भाशय
आरंग में फर्जी तरीके से संचालित सांई हॉस्पिटल में जांच के बाद हॉस्पिटल के बड़े-बड़े कांड सामने आ रहे हैं. मंगलवार को शिकायत के बाद आरंग एसडीएम पुष्पेंद्र शर्मा के निर्देश पर तहसीलदार सीता शुक्ला के नेतृत्व में खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजय लक्ष्मी अनंत की टीम और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने हॉस्पिटल का निरीक्षण किया था. जांच के दौरान हॉस्पिटल में कई गंभीर अनियमितता पाए गए.
जांच दल की प्रमुख आरंग तहसीलदार सीता शुक्ला ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि हॉस्पिटल में इलाज कराने आए महिलाओं का गर्भाशय नियम विरुद्ध निकाला जाता था. किसी भी महिला मरीज के गर्भाशय को निकालने के लिए जरूरी प्रोटोकॉल का पालन किया जाता है, लेकिन हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा सभी नियमों को दरकिनार करके मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा था.
आपको बता दें कि आरंग के काॅलेज चौक स्थित सांई हॉस्पिटल को एक माह पहले ही जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रायपुर ने बंद करने का आदेश जारी किया था. सीएमएचओ के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए हॉस्पिटल का नियम विरुद्ध संचालन जारी है. अब जांच टीम ने अनियमितता सही पाए जाने पर कार्रवाई की बात कही है.