एक दिन में 51 हजार एनीमिया जांच कर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, Golden Book of World Record में हुआ दर्ज

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले ने महिलाओं के स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनोखा कीर्तिमान स्थापित किया है. भारत को एनीमिया मुक्त बनाने के संकल्प के तहत जिले में चलाए गए ‘रक्त शक्ति महाअभियान’ के तहत एक ही दिन में जिले के सैंकड़ों जगहों से 51,727 महिलाओं का हीमोग्लोबिन टेस्ट कर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कर लिया है. यह अभियान 26 जून को जिलेभर के 230 अलग-अलग स्थानों पर आयोजित किया गया था. इसका उद्देश्य महिलाओं को एनीमिया से मुक्त कराना और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना था. इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए जिले की कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की स्टेट हेड ने प्रशस्ति पत्र प्रदान किया.


51727 जांच, एक दिन में वर्ल्ड रिकॉर्ड

अभियान में 13 से 45 वर्ष आयु वर्ग की महिलाओं की जांच की गई. लक्ष्य लगभग 65 हजार महिलाओं की जांच का रखा गया था, जिसमें से 51,727 महिलाओं का हीमोग्लोबिन टेस्ट सफलतापूर्वक किया गया. इससे पहले इस पैमाने पर इतने बड़े स्तर पर कभी एक दिन में जांच नहीं हुई थी.

तीन विभागों की संयुक्त पहल

इस महाअभियान को जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग ने संयुक्त रूप से संचालित किया. बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और एनीमिया मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत चलाए गए इस आयोजन ने जिले को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरव दिलाया.

ग्रामीण इलाकों में दिखा उत्साह

अभियान में ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. कई गांवों में जांच शिविरों में महिलाओं की लंबी कतारें देखी गईं. अधिकारियों का कहना है कि इस प्रयास से स्वास्थ्य जांच की जागरूकता अभूतपूर्व तरीके से बढ़ी है.

अधिकारियों ने की सराहना

जांच अभियान की सफलता में जिला प्रशासन के अधिकारी, स्वास्थ्यकर्मी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता समेत बड़ी संख्या में कर्मचारी दिनभर जुटे रहे. कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी ने इसे जिले की महिलाओं और अधिकारियों की सामूहिक उपलब्धि बताया.





You May Also Like

error: Content is protected !!