बिलासपुर. बेलतरा विधानसभा चुनाव हारने के बाद पूर्व पार्षद विजय केशरवानी लिंगियाडीह वार्ड को बचाने के लिए नगर निगम में दांवपेंच खेल रहे हैं। इस कड़ी में नगर निगम कमिश्नर से मुलाकात कर अपोलो अस्पताल रोड़ पर अतिक्रमण अभियान को लेकर दबाव बनाया हालांकि कांग्रेस संगठन में अकेला चलो नीति के तहत नेता प्रतिपक्ष भरत कश्यप को साथ नहीं रखा गया। इसे कांग्रेस की गुटीय राजनीति को जोड़कर देखा जा रहा है।
कांग्रेस संगठन ने एकला चलों की राजनीति से शहर के नेता बाज नहीं आ रहे हैं। चंद नेताओं की फौज लेकर बीते बुधवार को लिंगियाडीह वार्ड के पूर्व पार्षद विजय केशरवानी पहुंच गए निगम आयुक्त अमित कुमार से मिलने और मुलाकात को मेयर पूजा विधानी पर जातिवाद की राजनीति और दोहरे मापदंड का आरोप लगाकर जोड़ दिया लेकिन मुद्दा कुछ और ही था। नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष भरत कश्यप और उनके लोगों को दूर कर विजय केशरवानी ने अपनी खूब नेतागिरी चमकाई और निगम आयुक्त कुमार पर दबाव बनाया।
वाह कांग्रेसी, वाह.
पिछले कुछ दिनों से नगर निगम शहर के ठेले खोमचे वाले और एक विशेष वर्ग के व्यापारियों का अखाड़ा बना हुआ है। आए दिन कुछ न कुछ कमिश्नर अमित कुमार पर बीत रही है इधर निगम कमिश्नर पर दबाव बनाने आए कांग्रेसियों ने आयुक्त चेंबर के भीतर बातचीत की फोटो लेने से भी परहेज नहीं किया। जो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रही है। जिसकी भी इस तस्वीर पर नजर जा रही वो तो कांग्रेसियों के हिम्मत की दाद दे रहा है।
पार्टी के कई नेता नदारत.
अब इसे नदारदगी कहे या विजय केशरवानी की अकेला चलो नीति लेकिन निगम आयुक्त अमित कुमार से मिलने पहुंची टोली में पार्टी के कई नेता नदारत थे। नेता प्रतिपक्ष भरत कश्यप उनके सहयोगी,पूर्व विधायक शैलेश पाण्डेय, पूर्व महापौर राजेश पाण्डेय, महेश दुबे जैसे कांग्रेस पार्टी के दमदार नेताओं का न दिखना कांग्रेस पार्टी की गुटबाजी को साफ जाहिर कर रहा है।



