• गोपीनियता भंग होने पर कांग्रेस चीफ खफा... परीक्षा नियंत्रक फिर खामोश
बिलासपुर. सीजीपीएससी से बनने वाले डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी की उत्तर पुस्तिकाएं स्कूलों के गुरूजियों से जंचवाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पता चला है कि आईएएसई पीजीबीटी कालेज-बिलासपुर और रायपुर के एलबी संवर्ग के स्कूल व्याख्याताओं को ही नहीं बल्कि माध्यमिक शिक्षा मंडल स्तर के डाइट और एससीआरटी के व्याख्याताओं को भी इस काम के लिए बुलवाया गया है। इस मामले के फालोअप रिपोर्ट में चौंकाने वाली जानकारी मिली है कि इन संस्थाओं का काम सौ फीसदी माध्यमिक शिक्षा मंडल के लिए प्रश्न पत्र का चयन और परीक्षा कंडक्ट कराना और उनकी कापियां जांचना होता है। सारे मामले को लेकर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने परीक्षा पर संदेह जताते हुए सीबीआई जांच की मांग कर दी है।
सीजीपीएससी की परीक्षा वर्ष 24-25 में कुल 246 पदों पर भर्तियां निकाली गई हैं। इनमें डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी, कर्मशियल टैक्स आफिसर, अस्सिटेंट डायरेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी से लेकर नायब तहसीलदार तक पोस्ट निकाली गई है। इसके लिए लाखों ग्रेज्युएट अभ्यर्थी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। इन कापियों की जांच के लिए पीजीबीटी कालेज से प्रभारी प्रिसिंपल नीता मुखर्जी और दो व्याख्याताओं को बुलवाया गया है। जो स्कूल कैडर के एलबी संवर्ग से आते हैं यानी एक समय के शिक्षा कर्मी और वर्तमान में स्कूल शिक्षा विभाग के व्याख्याता इन कापियों की जांच कर रहे हैं। पीजीबीटी कालेज बिलासपुर के अलावा रायपुर से भी ऐसे व्याख्याता कापियों की जांच के लिए बुलवाए गए हैं। इस बारे में पता चला है कि ये कालेज आईएएसई हैं यानी इनका कैडर भले ही स्कूल शिक्षा का है लेकिन काम विश्वविद्यालय स्तर का माना जाता है। शिक्षाविद् सवाल उठाते हैं कि इतने उच्च स्तर की परीक्षा की कापियां कालेज के प्रोफेसरों से जंचवाने की कोई व्यवस्था सीजीपीएससी ने क्यों नहीं की है।
डाइट और सीआरटी के शिक्षक भी जांच रहे.
सीजीपीएससी का इतने से मन नहीं भरा तो शुध्द रूप से स्कूल की परीक्षाओं का काम देखने वाले डाइट और सीआरटी के शिक्षकों को भी कापियों की जांच के लिए बुलवा लिया गया जिनका काम ही माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षाएं कंडक्ट कराना होता है। बीएड से कमतर यानी डीएलएड कराने वाले संस्थान डाइट से भी सीजीपीएससी ने शिक्षक विषय विशेषज्ञ के रूप में बुलवाएं है। इसी तरह सीजी परीक्षाओं की मॉनिटरिंग करने वाले सीआरटी को भी इस काम में लगाया गया है।
गोपनियता भंग, सीबीआई जांच हो- बैज.
इस सारे मामले में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने भाजपा सरकार पर सीजीपीएससी को बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने अपने घोषण पत्र में इस परीक्षा को यूपीएससी की तर्ज पर कराने का वादा किया था लेकिन वह इसकी गोपनियता बरकरार नहीं रख सकी। बिलासपुर पीजीबीटी कालेज के प्रभारी प्रिसिंपल, शिक्षक विद्याभूषण शर्मा, सलीम जावेद के नाम सार्वजनिक हो चुके हैं। स्कूल शिक्षा विभाग से डेपुटेशन पर आकर नौकरी करने वालों से कापी जंचवा कर मजाक बनाया गया है।श्री बैज ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।
परीक्षा नियंत्रक कोसम फिर खामोश.
मामला सियासी तूल पकडऩे के बाद भी छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा नियंत्रक लीन कोसम को आयोग का पक्ष जानने के लिए वाट्सऐप काल और मोबाइल नम्बर *******7876 पर काल किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया और ना ही जवाब देना जरूरी समझा।



