'OMG': हे राम.. हम कहां जाएं। परिवार को क्या खिलाएं..

• नगर विधायक ने निगम प्रशासन से की बात, दिलाई आस. बिलासपुर। भरी दोपहरी में ठेला- खोमचा लगाकर पसीना बहाने वालों का दर्द एसी चेंबर में गले तक डूबे हुए अफसर क्या जाने कि कड़ी मेहनत से ये लोग अपना परिवार पालते हैं। इतना ही नहीं घर पहुंचकर सुख सुविधा देने वाले इन गरीबों को नगर निगम पुलिस के डंडे के साथ पीछे पड़ गया है। सडक़, नाली और नाले को छोडक़र किनारे में अगर ठेले लगते भी हैं तो किसी के बाप का क्या जाता है। डेढ़ से दो हजार लोगों के रोजी रोटी छीनने के निगम के इस कुकृत्य पर स्पेशल ग्राउंड रिपोर्ट.. हे राम.. हम कहां जाएं। परिवार को क्या खिलाएं और बच्चों को किसके हवाले कर दें। ये गूंज है उन दो से ढाई हजार ठेले खोमचे वालों की जिनसे ट्रिपल इंजन की सरकार के मुखिया अमित शाह ने कहा था कि पकोड़े तलना भी रोजगार है। राज्य के दूसरे बड़े शहर में ये खोमचे, पान, चाय, सब्जी और तमाम जरूरत की चीजे आसपास ही मुहैया कराते रहे हैं। फुटपाथ और नाले को छोडक़र ठेले लगाने वाले इन गरीबों को नगर निगम के एक फरमान से जीवन संकट में पड़ गया है। बीते दिनों निगम आयुक्त अमित कुमार ने आदेश जारी कर दिया कि 19 मई से शहर ठेला, खोमचे वालों से क्लीन रखा जाएगा। यानी कांग्रेस मुक्त अभियान की तरह शहर करने ठेला मुक्त करने आईएएस साहब चल पड़े हैं। फरमान क्या निकला नगर निगम का तोडफ़ोड़ अमला शैतान की तरह जाग उठा। पुलिस को संग लिए कारवाई का डंडा दिखाकर ठेला खोमचा जब्त किए गए। इन पसीना बहाने वालों को शहर से बाहर खदेड़ दिया गया। बेचारे ठेला, खोमचे वाले हाथों में अपनी व्यथा के आवेदनों का पन्ना लेकर सुशासन के हर दरवाजे खटखटाने को लेकर मजबूर हो गए हैं। हासिल कुछ नहीं हो रहा है और अपनी आय का साधन तलाशाने सुबह से रात तक माथा फोड़ी कर रहे हैं। इस उम्मीद में कि जल्द निगम आयुक्त अमित कुमार का फरमान कोई तो बदल दे। रोजी रोटी बंद है, चिंता खाए जा रही है आगे जीवन कैसे चलेगा। https://youtu.be/hhjI4cZ7G2o?si=BWrj4G5f25UBEBtE निगम की व्यवस्था और उस पर उठते सवाल. निगम आयुक्त के फरमान से शहर में एक बार तो ठेला, खोमचे वालों का तंबू उखाड़ दिया गया लेकिन नगर निगम प्रशासन जो व्यवस्था की बात कहता है वो यह है कि शहर के लगभग दो से ढाई हजार ठेला, खोमचों, पान, चाय, सब्जी और तमाम रेहड़ी वालों को व्यापार विहार, मुंगेली नाका और शहर से दूर जहां भी सरकारी जमीन खाली होगी, वहां जाना होगा। यहां तय जगह पर रोज पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर चूना की लाइनिंग खींची जाएगी जहां ठेला खोमचा लगाना होगा। सवाल:- रेहड़ी वालों ने पूछा अगर निगम के बताए हुए स्थान पर जल्दी नहीं पहुंचे तो जगह भर जाएगी फिर कैसे होगा ? जवाब:- निगम आयुक्त ने कहा कि वो आपकी समस्या है। वापस जाओ, माल खराब हो या कुछ भी। मुझे कोई लेना देना नहीं है। चेतावनी:- निगम आयुक्त ने आगे कहा कि शहर की सडक़, फुटपाथ और नाले ठेले नहीं लगने दूंगा और जो दिखा उसका ठेला और समान जप्त कर जुर्माना लगाया जाएगा। भद्द पिटवाएगा भाई: कहावत है बिना विचारे जो करे से पाछे पछताए। यह फिट बैठती है निगम के ऊपर, जिसने ठेले वालों को व्यापार विहार और मुंगेली नाका के मैदान में बसाने का फैसला किया। लेकिन कुदुदण्ड-मुंगेली नाका के लोगों ने विधायक अग्रवाल से मुलाकात कर खेल मैदान में चौपाटी लगाने का विरोध किया। कहा- एक ही मैदान है जहां दुर्गा, दशहरा और खेल आयोजन होते हैं जिसे बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा। कल व्यापार विहार के व्यापारी भी विरोध में उतर जाएंगे। ऐसा कुछ नहीं होगा शहर में . चारों दिनों से इधर उधर के चक्कर लगाने के बाद आखिरकार ठेले खोमचे वालों की गुरुवार को नगर विधायक और पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल से मुलाकात हुई। नगर विधायक ने निगम आयुक्त अमित कुमार की घंटी बजार्ई। निगम प्रशासन का तर्क सुनने के बाद विधायक नेे सीधे तौर पर कहा कि मेरे होते हुए ऐसा नहीं होने दूंगा। पहले अच्छी व्यवस्था बनाएं, सर्वे कराएं और आसपास की जगहों पर इन्हें सेट करें। निगम आयुक्त कुमार पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा अचानक इस तरह की कारवाई मुनासिब नहीं है। उन्होंने दो दिन का अल्टीमेटम निगम आयुक्त को देकर मामला शॉट आउट करने को कहा हैं। शाबास कलेक्टर: फरियाद तो सुनी. सभी जानते हैं कि कलेक्टर संजय अग्रवाल सहज, सरल स्वभाव के और अनुभवी हैं। शहर में रह चुके हैं और शहरवासियों की नब्ज को पहले से अच्छी तरह से जानते हैं। ठेले खोमचे वाले कलेक्टर से मिलने गए तो श्री अग्रवाल ने उनकी बात धैर्य से सुनी और निगम आयुक्त के लिए आवेदन आगे बढ़ाकर उनसे मिलने बोला। उन्होंने ज्ञापन को आयुक्त के नाम फारवर्ड कर दिया। मुझे कोई मतलब नहीं- आयुक्त. हद तो तब हो गई जब कलेक्टर से मिले आश्वासन को लेकर ठेले खोमचे वाले निगम आयुक्त अमित कुमार से मिलने पहुंचे तो कलेक्टर के द्वारा सील साइन कर दिए गए आवेदन को कॉपी को साइड कर कहा कि मुझे इससे कोई मतलब नहीं है। शहर के किसी भी सडक़, फुटपाथ और नाले पर ठेला नहीं लगाने दूंगा। सभी को के लिए कंटेंट जोन मुंगेली नाका और व्यापार विहार में बनाया जाएगा। जिसके रोज का सौ रुपए चार्ज भी होगा।  





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