‘OMG’: जेल स्टाफ को धमकाया तो सफेद पोश खाकी वापस सलाखों में इधर जेल डीजी हुए नाराज कहा.

• डबल मर्डर के कैदी की सिफारिश काम नहीं आई, नही ले पाया हॉस्पिटल में आजादी का मजा.

रायपुर. छत्तीसगढ़ में चर्चित कस्टम मिलिंग घोटाले के आरोपी रोशन चंद्राकर को इलाज के बहाने सेंट्रल जेल से बाहर निकाल और 5 घंटे तक एक आलिशान होटल में वीआईपी ट्रीटमेंट और उसके परिवार को मॉल में सैर सपाटा करवाने की घटना सामने आने के जेल प्रबंधन की कारगुजारी से मचे हड़कंप से प्रदेश के जेल डीजी राजेश मिश्रा ने घटना को लेकर खासी नाराजगी वक्त कर बंदियों को पेशी/ चेकअप के लिए हॉस्पिटल ले जाने वाले स्टाफ की हरकतों पर लगाम लगाने एक फरमान जारी किया है इधर बिलासपुर जिले में भी एक उम्र कैद की सजा काट रहे रसूखदार कैदी की अपनी ऊंची पहुंच का हवाला देकर मनमानी करने की घटना सामने आई है जिसके बाद जेल प्रबंधन ने उसे देर रात हॉस्पिटल से वापस सलाखों के पीछे धकेल दिया है।

राज्य की जेलों की चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था का विभाग के ही कुछ अफसर और स्टाफ द्वारा लालच में आकर खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। जेल की चारदीवारी में वीआईपी ट्रीटमेंट या इलाज के नाम पर बाहर ले जाकर सभी सुख सुविधा, हर कुछ जेल के भीतर बाहर संभव हो रहा है बदले में मोटी रकम। दो अगस्त को सेंट्रल जेल रायपुर के प्रहरी लखन जायसवाल की हरकत से दागदार हुए जेल विभाग की घटना सामने आने के बाद प्रदेश के जेल डीजी राजेश मिश्रा ने पांच अगस्त को एक फरमान जारी किया है। जिसमे बंदियों को पेशी/ चेकअप के लिए हॉस्पिटल ले जाने वाले स्टाफ की हरकतों पर चिंता जाहिर करते हुए जेल मैन्युअल के विपरित काम करने वाले जेल स्टाफ पर लगाम लगा कारवाई करने कहा है।

डीजी मिश्रा ने जताई नाराजगी.

जेल डीजी मिश्रा ने राज्य के सभी जेल अधीक्षको को नाराजगी भरा पत्र जारी कर साफ तौर पर कहा है कि राज्य की जेलों में जिन बंदियों को पुलिस बल द्वारा पेशी पर ले जाया अथवा जेल प्रहरियों के माध्यम से बीमार बंदियों को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया जाता है तब संबंधित पुलिसकर्मी/जेल प्रहरियों द्वारा बंदियों को नियम विरुद्ध सुविधा उपलब्ध कराने, जैसे होटल में नाश्ता, खाना खिलाना, चाय पिलाना,फोन पर बंदी के परिचितों, परिजनों से बात कराने की घटनाएं मिल रही है जिससे यह स्पष्ट होता है कि आपका अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर नियंत्रण शिथिल है तथा वह अनुशासन प्रतिज्ञ नहीं है।

रसूखदार कैदी को प्रदेश के बड़े साहब मेरा रिलेशन की भपकी देना पड़ा भारी.

इधर बिलासपुर शहर के एक होटल की पार्किंग में वर्ष 2010 में हुए चर्चित डबल मर्डर केस में सेंट्रल जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे एक रसूखदार कैदी की अरपापार एक हॉस्पिटल में बीते दिनों से एडमिट होने की चर्चा चल रही है। बताया जा रहा है कि जिले सत्तापक्ष के सीनियर विधायक के धरम,पर प्रदेश के जेल विभाग के बड़े साहब को फोन करा पहले तो इलाज के लिए हायर सेंटर में एडमिट होने की जुगत लगाई गई फिर एडमिट होते ही बड़े साहब ने नाम की भपकी देकर जेल स्टाफ को हड़काने का काम शुरू और हर वो अरेजमेंट जो एक उम्रकैदी को नही मिलना चाहिए। हॉस्पिटल में ऐसी सेटिंग की सब डबल मर्डर के आरोपी कैदी की जय,जयकार करने को मजबूर हो जाए। सूत्रों की माने तो उसकी इस हरकत से जेल स्टाफ भी नाराज हो गया और जैसे ही इस बात की भनक जेल अधीक्षक खोमेश मंडावी को लगी तो उन्होंने चर्चाओं पर विराम लगाते हुए तत्काल कैदी को वापस जेल की लाकअप में पहुंचा दिया है हालाकि इस नेता, बड़े साहब की शह पर उम्रकैदी की मनमानी की घटना को लेकर जेल प्रबंधन की ओर कोई बयान सामने नही आया है न ही जेल अधीक्षक मंडावी से संपर्क हो पाया है।

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