जोमैटो और स्विगी से खाना मंगाना अब महंगा दोनों कंपनियों ने प्लेटफॉर्म चार्ज में 20% का इजाफा किया

Swiggy Zomato Price Hike : जोमैटो और स्विगी से खाना मंगाना अब महंगा हो गया है. दोनों कंपनियों ने प्लेटफॉर्म चार्ज में 20% का इजाफा किया है. अब दोनों कंपनियां के कस्टमर्स को हर ऑर्डर पर 6 रुपए प्लेटफॉर्म फीस देनी होगी. जोमैटो और स्विगी दोनों ने बेंगलुरु और दिल्ली जैसे मार्केट्स के लिए यह प्लेटफॉर्म फीस बढ़ाई है. यह पहली बार नहीं जब दोनों कंपनियों ने प्लेटफॉर्म फीस में बढ़ोतरी की है. 3 महीने पहले भी दोनों कंपनियों ने प्लेटफॉर्म फीस बढ़ाकर 5 रुपए की थी.

जोमैटो-स्विगी ने पिछले साल प्लेटफॉर्म फीस लेना शुरू किया था

दोनों कंपनियों ने प्रॉफिटेबिलिटी बढ़ाने के लिए यह फैसला लिया है. जोमैटो और स्विगी ने पिछले साल से प्लेटफॉर्म फीस लेना शुरू किया था. तब दोनों कंपनियां शुरुआत में 2 रुपए प्लेटफॉर्म फीस चार्ज करती थीं. इस बढ़त के बाद बेंगलुरु और दिल्ली जैसे मार्केट में ग्राहकों को प्रत्येक ऑर्डर पर 6 रूपये ज्यादा प्लेटफॉर्म फीस का भुगतान करना होगा.

प्लेटफॉर्म फीस क्यों लागू की ? (Swiggy Zomato Price Hike)

जौमेटो और स्विगी दोनों फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म ने अपने कंपनी के ओवरऑल रेवेन्यू और प्रॉफिट को बढ़ाने के लिए प्लेटफॉर्म फीस को लागू करना शुरु किया था. जनवरी के महीने में स्विगी ने अपने कुछ चुनिंदा यूजर्स के लिए 10 रूपये प्लेटफॉर्म फीस रखी थी, जो इस समय बाकी यूजर्स से वसूले जाने वाले 3 रूपये की शुल्क से कई गुना ज्यादा थी. हालांकि किसा भी यूजर्स से 10 रूपये प्लेटफॉर्म चार्ज नहीं वसूला गया था. उन्हें केवल ज्यादा प्लेटफॉर्म फीस दिखाई गई थी, फाइनल पेमेंट के समय उनसे केवल 5 रूपये ही वसूले जा रहे थे.

इस एक्शन से नाराज हुए कैपिटल माइंड के सीईओ

स्विगी और जौमेटो के इस एक्शन ने ग्राहकों के साथ कई और लोगों को भी निराश किया है. कैपिटल माइंड के सीईओ दीपक शेनॉय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जौमेटो और स्विगी के बारे में पोस्ट कर अपनी नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने इस पोस्ट में लिखा है कि ” जौमेटो और स्विगी द्वारा लागू की जानेवाली प्लेटफॉर्म फीस ग्राहकों को तंग करने वाली है. यहीं कारण है कि मैनें अब स्विगी और जौमेटो से दूरी बनाना शुरू कर दिया है. साथ ही उन्होंने लिखा है कि ये कंपनियां हर ऑर्डर पर ग्राहकों से 6 रूपये वसूल रही है. साथ ही ये दोनों कंपनियां रेस्टॉरेंट वालों से भी 30 फीसदी हिस्सा लेते हैं.

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