“रवि शुक्ला”
• एडिशनल एसपी निमेश बरैया की अंतिम विदाई और नम आंखों से सब ने कहा हैप्पी बर्थडे लेकिन अब भी विश्वास नहीं होता की तुम हमारे पास नही हो.
मैं एक मामूली सा ख्याल हूं,
कभी याद आऊं तो मुस्कुरा देना. यह चंद लाइनें एडिशनल एसपी निमेश बरैया को समर्पित है। लेकिन मामूली सा ख्याल तो नही आपका हम सब के बीच से यूं चला जाना रह रह कर चुभता है।
(गांव की माटी में हुआ अंतिम संस्कार, रिमझिम बारिश के बीच भी पहुंचे होनहार बेटे को देखने गांव वाले)
पुलिस की वर्दी में निमेश बरैया नाम का काबिल अफसर अब हमारे बीच नहीं रहा भले की उनके दर्द भरे निधन को आज चौथा दिन हो गया लेकिन तीन लाइन के शब्द से भरा निमेश का नाम आते ही शरीर में बिजली सी दौड़ जाती है,जो जहा है वह कुछ देर के लिए थम सा जाता है रोम रोम तन जाता हैं। खाकी वर्दी में बरैया परिवार का लाडला पुलिस विभाग मे मातहातो के साहब के अलावा समाज के हर वर्ग में किसी का बेटा तो किसी का भाई,दोस्त और सब का हम दर्द का रोल अदा कर अल्प आयु में दुनियां को अलविदा कह सब को रुला कर चल दिया।
एक ऐसा यंग पुलिस अफसर जिसे सब चाहते थे। लोगों का प्यार ऐसा की अंतिम विदाई में परिवार के साथ पूरा गांव, समाज के वरिष्ठजन,आला अफसर, बैचमेट्स दोस्त और न जाने स्वर्गीय निमेश बरैया को चाहने वाले कहा कहा से पहुंचे थे। बीते शनिवार को उनके परिवार ने समाजिक रीति रिवाज से अपने बेटे की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और नम आंखों से उनका 38वा जन्मदिन मनाया।
(क्रेडिट बाई, सुमित साहू रायपुर)
24 जुलाई बुधवार की वो रात एएसपी निमेश बरैया का परिवार और उनको चाहने वाले शायद कभी न भुला पाएंगे। जन्मदिन से ठीक दो दिन पहले मौत आई और निमेश बरैया को अपने साथ लेकर चली गई। पहले पीलिया ने उन्हे घेरा फिर ब्रेन हेमरेज और लास्ट में कार्डियक अरेस्ट, सब कुछ खामोशी से झेला और किसी से बिना कुछ कहे मौत की गोद में हमेशा के लिए सो गए। ऐसा नही है की स्वर्गीय निमेश बरैया हमारे बीच नहीं हैं चाहने वालो ने उनके हर कदम पर आगे रहने और बात करने के अंदाज को अपने जहन में संजोए निमेश बरैया को जिंदा रखा है।
(ओल्ड मेमोरी: 2023)
उनको करीब से जानने वाले बताते है की निमेश बरैया ने अपनी किसी भी प्राब्लम का जिक्र कभी किसी से नहीं किया बस हंसता हुआ चेहरा लेकर सब के बीच रहे। पीलिया ने उन्हें कब घेरा पता ही नहीं चला,19 जुलाई शुक्रवार को उनकी तबीयत बिगड़ी और बलरामपुर के अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद शनिवार को वह बेहतर ट्रीटमेंट लेने रायपुर पहुंच गए एक निजी अस्पताल के डॉक्टर ने चेकअप किया और एडमिट होने की सलाह दी इस दौरान उनकी देखभाल रायपुर के कुछ मित्रों या यूं कहें कि छोटे भाइयों ने की,निमेश बरैया का स्वास्थ और बिगड़ा और अनकॉन्शियस हो गए। आनन फानन में घर वालों से संपर्क किया गया और राजनंदगांव से परिवार पहुंचा और निमेश बरैया को राजधानी के लिए एक बड़े निजी अस्पताल में शिफ्ट किया गया। पीलिया की जद में आ चुके निमेश बरैया की हालत इसके बाद भी नही सुधरी और उनको वेंटिलेटर सपोर्ट का सहारा लेना पड़ा। पूरे पांच दिन एएसपी बरैया जिंदगी और मौत की जंग से लड़ते रहे और बीते बुधवार की रात बीपी का प्रेशर अप डाउन हुआ और कार्डियक अरेस्ट और बरैया परिवार का लाडला सब का चहेता निमेश ने अलविदा कह दिया।
बहुत याद आओगे निमेश: जीवन परिचय.
27 जुलाई 1986 को राजनांदगांव जिले के
पदुमतरा गांव में जन्मे एएसपी निमेश बचपन से ही मिलनसार थे। उनके पिता स्वर्गीय कन्हैया लाल बरैया और मां कमला बरैया के दिए संस्कार को आदर्श बना निमेश बरैया ने बचपन से लेकर पुलिस विभाग में आने तक का सफर तय किया। रायपुर के एनआईटी में मैकनिकल ब्रांच में बीटेक किया फिर पीएससी
2008 की परीक्षा से डीएसपी के पद पर चयनित हुए
पीएससी की 2008 की परीक्षा कोर्ट में पेंडिंग रहने
के कारण 2013 में रिजल्ट आया और निमेश बरैया 2013 बैच के डीएसपी स्लेक्ट हुए। ट्रेनिंग के बाद उनकी फस्ट पोस्टिंग बस्तर में हुई।
नक्सल प्रभावित इलाकों में काफी समय तक पदस्थ रहे। एक कड़क पुलिस की छवि वाले अफसर से बिल्कुल विपरीत और काफी मिलनसार निमेश ने फिर नक्सल क्षेत्र से निकल कर बस्तर में भानपुरी एसडीओपी से अपनी नई शुरुवात की इस दौरान क्राइम डीएसपी का भी चार्ज संभाला फिर कुछ समय बाद राज्य के दूसरे बड़े जिले बिलासपुर में सीएसपी कोतवाली का कामकाज बखूबी निभाया यही उनका प्रमोशन एडिशनल एसपी के पद पर हुआ। बिलासपुर से उनका ट्रांसफर जगदलपुर बटालियन फिर कुछ माह सकरी बटालियन फिर ट्रांसफर होकर मनेंद्रगढ़ में एडिशनल एसपी का चार्ज लिया इसके बाद बलरामपुर में करीब पांच माह पुलिसिंग की.
बहुत याद आओगे निमेश: अंतिम विदाई में उमड़ पड़ा गांव,आला अफसर, बैचमेट्स, दोस्त.
निमेष बरैया का अंतिम संस्कार 25 जुलाई गुरुवार को राजनांदगांव स्थित उनके गृह ग्राम पदुमतरा की माटी में किया गया। श्री बरैया के निधन की खबर जिसने भी सुनी वह स्तंभ रह गया। राजनांदगांव के सृष्टि कॉलोनी स्थित निवास से लेकर गांव तक उनको अंतिम विदाई देने लोगों की भीड़ जमा होती रही। गांव के लोग, समाज के वरिष्ठजन, आला अफसर बैचमेट्स, उनके करीबी दोस्त और न जाने कहां-कहां से एएसपी निमेश को जानने वाले अंतिम विदाई में नजर आए।
बहुत याद आओगे निमेश: सलाम, एसपी गर्ग,बंसल और एएसपी शर्मा.
छत्तीसगढ़ के 2013 बैच के राज्य पुलिस सेवा
के अधिकारी निमेश बरैया के निधन की खबर सुनते ही अंतिम संस्कार में राजनंदगांव एसपी आईपीएस मोहित गर्ग, खैरागढ़ एसपी त्रिलोक बंसल और राजनांदगांव के एडिशनल एसपी राहुल शर्मा समेत उनके बैचमेट्स पदुमतरा पहुंचे और नम आंखों से निमेश को विदाई दी। इस दौरान देखने वाली बात यह थी कि एसपी गर्ग ने अपने वर्दी धारी गन मैन और ड्राइवर को रोड पर ही छोड़ दिया और ताम झाम से दूर गांव वालों के भीड़ के बीच नजर आए। जिसने भी जाना की उनके बीच आईपीएस अफसर मोहित गर्ग एएसपी राहुल शर्मा खड़े हो तो गांव के लोग बड़े अचंभित हुए। यही हाल आईपीएस बंसल और स्वर्गीय बरैया के तमाम बैचमेट्स ने भी अपनाया। सबसे अच्छी बात रही की निमेश बरैया के बैचमेट राजनांदगांव एडिशनल एसपी राहुल शर्मा है। जिन्होंने बैचमेट होने का रिश्ता बखूबी निभाया और उनके अंतिम संस्कार की सारी व्यवस्थाओं को अपडेट किया।
बहुत याद आओगे निमेश: जमकर की पुलिसिंग, कोरोना काल में रहे सामने और भी कुछ.
स्वर्गीय निमेश बरैया का नाम यंग पुलिस के जांबाज और काफी मिलनसार अफसर में गिना जाता था। करोना काल में बिलासपुर सीएसपी कोतवाली रहने के दौरान उन्होंने डटकर काम किया। जहां भी रहे वहां खूब नाम कमाया हर रोल में फिट निमेश बरैया की काबिलियत पर अफसर को भी नाज था। कई अफसर कहते थे कि निमेश को लगा दिया है ना वह कर लेगा और वह अफसरो के विश्वास पर खरा भी उतरते थे। बिलासपुर समेत उनकी जहां भी पोस्टिंग रही वहां कई ऐसे काम किए जो कोई दूसरा पुलिस अफसर नही कर पाया। बच्ची के किडनैपिंग केस में कहीं ट्रेन रूकवाई तो कहीं से डॉक्टर को बरामद किया। कपड़ा दुकान में लगी आग की लपटों के बीच घुसकर लोगों को बाहर निकाल तो वही करोना काल में पुलिस की पिटाई वाली छवि से को दूर कर बेवजह बाहर घूमने वालो को कन्नबुची लगवाने से भी नही चुके। पुलिस विभाग का रिकॉर्ड खंगाल जाए तो निमेश बरैया नाम कई मामलों में पुलिस की नाक ऊंची करने को लेकर दर्ज होगा। शायद यह बात पुलिस विभाग और स्वर्गीय निमेश बरैया के आईजी, एसपी रहे अफसरों को चुभ जाए (अफसरों के सम्मान में यहा नाम लेना उचित नहीं) उनके करीबी बताते हैं कि ऐसे कई किस्से हैं। जिसमे स्वर्गीय निमेश बरैया ने बढ़ चढ़ कर काम किया। लेकिन अफसरों ने सिवाए उनकी पीठ थपथपाने का दिखावा कर उन इनामों के लिए सेंट्रल और राज्य सरकार को नाम नही भेजा जिसे पाकर स्वर्गीय निमेश बरैया का मनोबल और बढ़ सके। जरूर इस बात का मलाल उनको रहा होगा लेकिन विभाग की किरकिरी न की सोच रखने वाले स्वर्गीय बरैया ने किसी से चू से चा नही की और दिल में बातो को दबाए रहे।
बहुत याद आओगे निमेश: एक काबिल अफसर खो दिया.
राज्य के पुलिस विभाग में निमेश बरैया को करीब से जाने वाले अफसर कहते है कि बरैया परिवार का शेर तो गया ही साथ ही छत्तीसगढ़ के पुलिस विभाग से एक काबिल अफसर हमारे बीच नहीं रहा कभी किसी का नुकसान नहीं करने वाले स्वर्गीय बरैया कि बानगी ऐसी थी कि अस्पताल में एडमिट रहने के दौरान उनके करीबी लोग, सीनियर्स,जूनियर्स और बैचमेट्स ने उनका साथ नहीं छोड़ा बराबर बीच-बीच में समय निकालकर उनका हाल-चाल लेने हॉस्पिटल आते रहे और यादों के झरोखे से निमेश बातें निकाल एक दूसरे से शेयर करते रहे।
बहुत याद आओगे निमेश: अपने में आ जाए तो जब एक आईपीएस को सिखाया था बॉडी लैंग्वेज.
वैसे तो स्वर्गीय बरैया की पुलिसिंग स्टाइल का हर कोई कायल था। एमसीबी जिले में एएसपी रहने के दौरान उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के दो फाड़ विधायको की आपसी लड़ाई के समीकरण को बखूबी संभाल कर रखा। एक तरफ पूर्व विधान सभा अध्यक्ष महंत ग्रुप तो दूसरी ओर मंत्री बाबा के लोग, इन दोनों ग्रुपों के द्वंद युद्ध की बाते कभी उन्होंने बाहर आने नही दी,अपने मिलनसार अंदाज से दोनों को थामे रखा। स्वर्गीय बरैया ने कभी किसी अधिकारी और आमजनों से मिस बिहेव नही किया हमेशा सरलता और सुगमता से पेश आए लेकिन उनके स्वाभिमान पर बात आई तो फिर सामने कौन है उसे नही देखा और भिड़ गए। बताते हैं कि एक आईपीएस अफसर ने अपने चेंबर में एएसपी बरैया काफी कुछ बिना सोचे समझे भला बुरा और तो और गाली तक दे दिया था। लेकिन उसके जवाब में एएसपी बरैया बकायदा पलट वार किया और आईपीएस को तमीज से पेश आने का पाठ भी पढ़ाया। इस घटना की चर्चा विभाग में जमकर चली बात ऊपर तक भी पहुंची और पीएचक्यू के आला अधिकारियों के कानों तक भी, सरगुजा रेंज के आईजी, कलेक्टर और इंटेलिजेंस चीफ शायद इस घटना से वाकिभ है लेकिन यहां भी एएसपी बरैया विभाग की मान मर्यादा का ख्याल रखते हुए खामोश रहे। बताया जाता है कि मिलनसार एडिशनल एसपी की अचानक मौत की खबर सुनने से गाली बाज आईपीएस वाले जिले के मातहत स्टाफ काफी दुखी हैं और उनके अंतिम संस्कार में आना चाहते थे लेकिन एसपी के डर से किसी ने आने की हिम्मत नहीं की.
बहुत याद आओगे निमेश: आईएएस वर्मा ने लिखा.
छत्तीसगढ़ के 2013 बैच के राज्य पुलिस सेवा
के अधिकारी निमेश बरैया की कल आधी रात
देहावसान हो गया। उन्हें पीलिया की बीमारी के
बाद राजधानी रायपुर के अस्पताल में भर्ती
कराया गया था। उनकी मौत पर खैरागढ़ के
कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा ने सोशल मीडिया पर
लिखा, कालेज में निमेश मेरे जूनियर थे, बेहद
मिलनसार, उनके जाने से दुखी हूं।
‘OMG NEWS NETWORK’ की ओर से स्वर्गीय निमेश बरैया को श्रद्धा सुमन अर्पित कर विनम्र श्रद्धांजलि,आपको भगवान अपने श्री चरणों में स्थान दे🙏