इस बार प्रेस क्लब के हमर पहुना में आईजी डॉक्टर संजीव शुक्ला ने शिरकत की, कहा बिलासपुर मेरा ननिहाल यहां सीएसपी भी रहा,पुलिसिंग और नए कानून पर की चर्चा.

बिलासपुर. शुक्रवार को प्रेस क्लब के हमर पहुना कार्यक्रम में रेंज की आईजी डॉक्टर संजीव शुक्ला ने शिरकत की, बड़ी सादगी से पत्रकारों से मुखातिब होते हुए श्री शुक्ला ने कहा कि पुलिसिंग में सबसे बड़ी चुनौती लोगों का विश्वास हासिल करना है। यदि पुलिस अफसर अपने क्षेत्र की जनता के नब्ज को समझ कर उनके भरोसे को जीत लिया तो बड़े से बड़े अपराधिक मामले को घटने से पहले ही रोका जा सकता है।

बिलासपुर मेरा ननिहाल- आईजी.

आईजी शुक्ला ने पुलिसिंग में चुनौतियों और 1 जुलाई से लागू नए कानूनों के बारे में विस्तार से जानकारी साझा कर बिलासपुर से जुड़े अपने पुराने किस्से भी बताए। उन्होने बताया की बिलासपुर उनका ननिहाल है, बचपन में वो यहां अपनी अम्मा के साथ नानी के घर आते थे। ग्रेजुएशन रायपुर में कामर्स विषय के साथ करने के बाद एम फिल की पढ़ाई के लिए बिलासपुर गुरूघासीदास विश्वविद्यालय पहुंचे। पढ़ाई के दौरान बिलासपुर से ही सन् 1988-89 में पीएससी का एग्जाम दिया। सन् 1990 में बस्तर के सीएसपी रहे। 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य बना तो बिलासपुर के ही कोतवाली सीएसपी बनाए गए। इस दौरान उन्होने बिलासपुर से ही वाणिज्य विषय में पीएचडी कर डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की। यहां एसपी रेडियो भी रहे। वर्तमान में बिलासपुर रेंज के आईजी है। उन्होने कहा कि 35 साल के सेवा में उनका बिलासपुर से गहरा लगाव रहा। नए कानूनों के बारे में उन्होंने कहा कि ये प्रार्थी के पक्ष को मजबूत करने और उन्हें सुविधा देने के तर्ज पर बने है। अब कोई भी थानेदार किसी प्रार्थी को यह नहीं कह सकता कि अपराध मेरे थाना क्षेत्र में नहीं हुआ है। ऐसे में एफआईआर नहीं करुंगा। उसे शून्य में अपराध दर्ज करना ही होगा। नहीं तो थानेदार पर कार्रवाई हो जाएगी। कोर्ट मे 60 दिन के भीतर अपराध तय कर चालान पेश करना ही होगा। अब किसी भी गवाह को कोर्ट में बयान देने दिन भर इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उसे अधिकार मिला है कि वो वीडियों क्रंफ्रेसिंग के जरिए अपना बयान दर्ज करा सकता है। लोगों को ई-एफआईआर तक की सुविधा दी गई है।
आईजी डॉ. शुक्ला ने नए कानून के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जो आईपीसी के तहत अपराध दर्ज होने के साथ ही कोर्ट में फैसले असानी से हो जाते थे। अब नया कानून आने से उसमें थोड़ी कठनाई तो होगी। अभी ये नया-नया बना है। अब मामले कोर्ट में जाएगें। वहां हजारों मामलों में फैसले होगे। कोर्ट उस पर कई डिसीजन देगा। कुछ मामलों में सुधार के भी निर्देश मिलेगें। हमने अभी नए कानून का प्रारूप पढ़ा है। ये बेयर एक्ट है। अभी तो उस पर पूरा डिसीजन आना बाकि है। जिस तरह आईपीसी चलती थी वैसे सरल स्थिती में नए कानून को आने में 150 साल का भी समय लग जाएगा।

आईजी ने माना कि शहर में ट्रैफिक की बड़ी समस्या.

प्रेस क्लब के हमर पहुना आईजी डॉ संजीव शुक्ला ने माना किबिलासपुर में ट्रैफिक की सबसे बड़ी समस्या है। इस शहर के ट्रैफिक को 4 दशक से देख रहा हूं। आज से 35-40 साल पहले गिने चुने लोगों के पास कार होती थी जिन्हें उंगलियों पर गिना जा सकता था। लेकिन आज हर घर में बाईक और कार है। गोल बाजार-सदर बाजार में दुकाने बढ़ी लेकिन पार्किंग की जगह नहीं है। 4 दशक पहले जितनी पार्किंग की जगह थी अब वो भी नहीं बची इसके चलते ही शहर में ट्रैफिक व्यवस्था चरमराई हुई है। इसके अलावा आईजी शुक्ला ने कई तरह के आपराधिक मामलों की जानकारी पत्रकारों से साझा की।

इससे पहले प्रेस क्लब अध्यक्ष इरशाद अली,सचिव दिलीप यादव,कोषाध्यक्ष प्रतीक वासनिक,कार्यकारिणी सदस्य गोपीनाथ डे सहित अन्य पत्रकारों ने आईजी शुक्ला का स्वागत किया। कार्यक्रम के अंत में शॉल और श्रीफल से उनका सम्मान कर प्रेस क्लब कार्यकारिणी के द्वारा उन्हें प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया।

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