छत्तीसगढ़ सरकार आम लोगों को राहत देने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है. इसके लिए विधानसभा के मानसून सत्र के लिए छत्तीसगढ़ जन विश्वास विधेयक तैयार किया जा रहा है. इसमें बहुत सारी बातों को शामिल किया गया है, जिनमें अवैध तरीके से घर, दुकान या कॉम्प्लेक्स बनाने पर तीन माह की सजा के प्रावधान को खत्म कर केवल 50 हजार रुपए जुर्माना लगाने की तैयारी है.
विधानसभा के मानसून सत्र में पेश किए जाने वाले इस विधेयक के प्रारूप को राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है. इसके तहत प्रदेश के नगर तथा ग्राम निवेश, आबकारी, छत्तीसगढ़ सोसायटी पंजीकरण अधिनियम और छत्तीसगढ़ औद्योगिक अधिनियम में कुछ बदलाव किए जा रहे हैं. सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने वालों पर 5000 रुपए का जुर्माना लगाने की तैयारी है. जबकि अभी 2000 रुपए जुर्माने का प्रावधान है.
औद्योगिक संबंध अधिनियम भी होगा बदलाव
औद्योगिक संबंध अधिनियम की धारा 86 से 93 औद्योगिक दल अधिकारिकरण और अन्यों से संबंधित है. इनमें औद्योगिक विवादों की सूचना, सुलह प्रक्रिया, न्यायधिकरण का गठन और उनके अधिकार क्षेत्र, और अन्य संबंधित पहलू शामिल है. इस तरह के मामलों में अधिकतम जुर्माने की 50% राशि जमा करने का प्रावधान किया जा सकता है.
इसी तरह उपधारा के मुताबिक, पिछली बार के इसी तरह के मामले में फैसला आने के बाद दूसरी बार अपराध पर यह लागू नहीं होगा. उपधारा एक में प्राधिकृत अधिकारी राज्य सरकार के निर्देश के मुताबिक, ऐसे अपराध के केस को खत्म करने के लिए अपनी शक्तियों का प्रयोग कर सकेगा. यदि कोई व्यक्ति जिम्मेदार अधिकारी के आदेश का पालन नहीं करता है तो उस पर जुमाने के अतिरिक्त अधिकतम जुर्माने की 20% राशि भुगतान करनी होगी.
नगर-ग्राम निवेश अधिनियम में भी होगा बदलाव
नगर-ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 69 ख की उपधारा 2 के मुताबिक घर, कॉम्पलेक्स या अन्य चोनों का नियम विरुद्ध निर्माण पर तीन माह की सजा या 50 हजार जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. प्रस्तावित रोशन इसमें पचास हजार का जुर्माना लगाया जाएगा. धारा 69 की उपधारा 4 में तीन माह की सजा या पांच हजार रुपए के जुर्माने है, जबकि आगामी प्रावधान संशोधन 25 हजार रुपए दंड का प्रावधान हो रहा है.
धारा 77 की उपधारा दो के तहत निजी शौचालय के लिए ग्राम पंचायत द्वारा शौचालय चलाने वाले को फंड का भुगतान करना होगा. नहीं करने पर इस मामले में तीन माह की सजा व पांच रुपए का मांना या दोनों से दंडित करने का प्रावधान था. इसमें दोषी पर 25 हजार रु. जुर्माना लगाया जाएगा.
सार्वजनिक जगह पर शराब पीने पर लगेगा भारी भरकम जुर्माना
अभी छत्तीसगढ़ आवकारी अधिनियम 1915 की धारा क में यदि कोई बिना लाइसेंस के शराब पीने के लिए स्थान खोलता है ,या अवैध रूप से शराब बेचता है तो इसके लिए 5 हजार रुपए से कम तथा 25 हजार रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है. प्रस्तावित संशोधन में प्रथम अपराध पर न्यूनतम 5000 रुपए जुर्माना का प्रावधान है.
सार्वजनिक स्थानों जैसे स्कूल, अस्पताल, पूजा स्थलो बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन तथा आम रास्तों पर शराब पीने पर 2000 रुपए जुर्माना लगता है. प्रस्तावित संशोधन पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा. वहीं अवैध रूप से शराब रेखने परिवहन निर्माण, मादक पदार्थों से जुड़ी खेती पर भंडारण करता है, तो 10 से 25 हजार रुपए जुर्माना और 3 महीने की कैद का प्रावधान है.
प्रथम अपराध के लिए 10 हजार रु. तथा इसकी पुनरावृत्ति करने पर 20 हजार रु. जुर्माना लगेगा. यदि कोई लाइसेंसधारी या उसका कर्मचारी किसी नियम का उल्लंघन करता है, और वह प्रमाणित दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा तो उससे पचीस हजार रुपए का जुर्माना लिया जाएगा.



