‘OMG’: सेंट्रल जेल में नंबरदार संग सहयोगी की हुकूमत, दूध के खाली पैकेट में कर रहे वीआईपी थाली का खेला.

बिलासपुर. सेंट्रल जेल की चार चारदीवारियों के भीतर जो कुछ न हो वो कम है। ऐसा कोई काम नहीं है जो जेल में सेटिंग के दम पर नहीं होता। जेल प्रबंधन कितना भी जोर लगा ले,लेकिन एक मुश्त चलती तो सफेद पोश कैदियों की वो भी जिन्हें जेल की भाषा में नंबरदार कहते हैं। जेल के अफसरों से नजरे चुरा अब नोट के बदले अच्छा खाना (फस्ट क्वॉलिटी) को लेकर सेंट्रल जेल एक बार फिर चर्चा में आया है। महीने भर अच्छे भोजन के लिए पहले भी किचन की देखरेख में लगे नंबरदारो को मोटी रकम दिए बिना खाने की थाली नहीं निकलती थी। लेकिन कुछ दिनों से चौंकाने वाली बात यह है कि जेल के अफसर कही खेल न बिगाड़ दे इसलिए चोरी से खाना दूध के खाली पैकेट में पैक कर बेचा जा रहा है।

कैसे होता है सारा खेल जानिए ‘OMG NEWS NETWORK’ से.

गंदा है मगर धंधा है, सेंट्रल जेल में कुछ दिनों से ऐसा ही चल रहा है। इस बार पाक शाला (किचन) से खाने की कटिंग की बू आ रही है। सब कुछ एक नंबरदार और उसके सहयोगी (जेल का कोई स्टॉफ) भी हो सकता है के साथ मिलकर सारा खेल हो कर रहे हैं।

‘OMG NEWS NETWORK’ को सूत्र ने बताया कि सुबह के समय अच्छा खाना (फस्ट क्वॉलिटी) की थाली के बदले मोटी रकम ली जा रही है। ऐसा पहले भी होता था। लेकिन कुछ दिनों से नंबरदार और उसका सहयोगी पहले से सेट वीआईपी कैदियों के खाने की थाली से निवाला कम कर दूसरी सेटिंग बिठा लिए है। जो पहले के वीआईपी कैदियों द्वारा दी जा रही रकम से ज्यादा है। इससे ये हो रहा कि सेंट्रल जेल में खाने की थाली में कम निवाला देख वीआईपी कैदी नंबरदार और उसके सहयोगी पर आग बबूला हो रहे हैं। सूत्र की माने तो ये सारा खेल जेल सुपरीटेंडेंट खोमेश मंडावी और जेलर उत्तम पटेल की नजरों से छिपा कर किया जा रहा है। इन दोनों अफसरों की इंट्री से पहले ही दूध के खाली पैकेट में खाना पैक कर डिलीवर्ड हो जा रहा है।

ऐसे चल रहा खेल.

‘OMG NEWS NETWORK’ को सूत्र ने बताया कि जेल सुपरिंटेंडेंट और जेलर के आने से पहले ही सारी तैयारी हो जाती है। उक्त नंबरदार और उसका सहयोगी जो पाक शाला में सुबह भोजन बनाने का काम देखते हैं। पहले दूध के सारे पैकेटों को खाली कर लेते हैं फिर पहले से सेट वीआईपी कैदियों की थाली से खाने की कटिंग कर दूसरे सेट किए हुए कैदियों तक पहुंचा रहे हैं। सूत्र की माने तो सेंट्रल जेल में अच्छा खाना (फस्ट क्वॉलिटी) के खाने के एवज में करीब तीन से साढ़े तीन हजार रुपए किचन की ड्यूटी बजा रहे नंबरदारो को देना पड़ता है। जिनके साथ जेल का स्टॉफ भी मिला हुआ है। अब ये हो रहा कि खाने की कटिंग कर जिन दूसरे कैदियों तक पहुंचाया जा रहा है उनसे ज्यादा रकम ली जा रही है। सारा खेला दूध के खाली पैकेट में हो जा रहा है और जेल के अफसरों को इसकी भनक तक नहीं है।

महीने का लाख रुपए कही नहीं गया.

सूत्र की माने तो नंबरदार और उसका सहयोगी लगभग 300 वीआईपी कैदियों की थाली से उनका निवाला चोरी कर मोटी रकम में सेट हुए कैदियों को परोस रहे हैं महीने भर के इस पैकेज में दोनों की जेब अनुमानित लाख रुपए महीने से भर रहा है।

नंबरदार संग सहयोगी का नाम ‘OMG NEWS’ के पास लेकिन.

जेल की पाक शाला में सुबह की पाली में वीआईपी लंच की कटिंग कर मोटी रकम कमा रहे नंबरदार और उसके सहयोगी का नाम ‘OMG NEWS’ के पास है। लेकिन जेल सुपरीटेंडेंट ख़ोमेश मंडावी और जेलर उत्तम पटेल से संपर्क नहीं हो पाने की वजह से दूध के खाली पैकेट में वीआईपी खाने की डिलीवरी करने वाले सेंट्रल जेल के दोनों कलाकारों का नाम सामने नही लाया जा रहा है।

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