मुख्यमंत्री सहित 11 मंत्रियों के विधानसभा सीटों पर कितनी रही बढ़त?

रायपुर. छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों के नतीजे आने के बाद साय सरकार के मंत्रियों की विधानसभा सीटों में कितनी बढ़त रही, इसे लेकर चर्चा तेज है. चर्चा इस बात की भी हो रही है कि कोरबा लोकसभा सीट से भाजपा की करारी हार की वजह क्या है? इस लोकसभा में मौजूदा साय सरकार के दो मंत्रियों की विधानसभा सीटें आती है. कोरबा सीट को लेकर भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी थी. बावजूद इसके राज्य की यह एक मात्र सीट रही, जहां पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. भाजपा ने इस सीट पर अपनी तेज तर्रार नेता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडेय को मैदान में उतारा था.

कोरबा लोकसभा में आने वाली आठ विधानसभाओं में से छह पर भाजपा का कब्जा है. माना जा रहा था कि विधानसभा चुनाव के वक्त पार्टी को मिले मत प्रतिशत के आधार पर लोकसभा में फायदा होगा, मगर ऐसा हुआ नहीं. स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की विधानसभा सीट मनेंद्रगढ़ से करीब पांच हजार मतों से हार का मुंह देखना पड़ा. लीड के मामले में दोनों ही डिप्टी सीएम अरुण साव और विजय शर्मा की विधानसभा सीटों में भी उम्मीद के अनुरूप नतीजे नहीं आए.

भाजपा प्रत्याशी तोखन साहू को लोरमी से महज 484 मतों के मामूली अंतर से बढ़त मिली, जबकि विधानसभा चुनाव में अरुण साव ने लोरमी से करीब 49 हजार से अधिक मतों से चुनाव जीता था. इसी तरह राजनांदगांव लोकसभा सीट से जीत दर्ज करने वाले भाजपा प्रत्याशी संतोष पांडेय कवर्धा विधानसभा सीट से करीब साढ़े दस हजार वोट की बढ़त बना पाए. छह महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में विजय शर्मा ने 40 हजार मतों के बड़े अंतर से चुनाव जीता था.

सरगुजा लोकसभा सीट में आने वाली भटगांव विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी चिंतामणि महाराज ने महज 17 हजार मतों की बढ़त बनाई. इस सीट से विधायक चुनी गई लक्ष्मी राजवाड़े साय सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री हैं. राजवाड़े ने विधानसभा चुनाव करीब 43 हजार मतों के अंतर से चुनाव में जीत दर्ज की थी. वन मंत्री केदार कश्यप भी बस्तर लोकसभा में जीत दर्ज करने वाले महेश कश्यप को अपनी विधानसभा सीट नारायणपुर से मामूली अंतर से लीड दिला पाए. महेश कश्यप ने नारायणपुर विधानसभा से करीब साढ़े चार हजार मतों की ही बढ़त बनाई. केदार कश्यप ने विधानसभा चुनाव में 11 हजार से अधिक मतों से चुनाव जीता था.

लोकसभा प्रत्याशियों को अपनी विधानसभा सीटों में बढ़त दिलाने के मामले में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, उद्योग मंत्री लखन देवांगन, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा और खाद्य मंत्री दयालदास बघेल का प्रदर्शन बेहतर रहा. विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री साय ने खुद करीब 27 हजार वोट के अंतर से चुनाव जीता था, लेकिन कुनकुरी सीट से रायगढ़ लोकसभा के उम्मीदवार राधेश्याम राठिया को करीब 40 हजार वोट की बढ़त दिलाई.

वित्त मंत्री ओपी चौधरी की विधानसभा रायगढ़ से करीब 70 हजार की बढ़त मिली. कोरबा विधायक और सरकार में मंत्री लखन देवांगन ने भाजपा प्रत्याशी को करीब 50 हजार की बढ़त दिलाई. बलौदाबाजार विधायक और मंत्री टंकराम वर्मा ने भाजपा प्रत्याशी को करीब 60 हजार मतों की बढ़त दिलाई. खाद्य मंत्री ने अपनी विधानसभा नवागढ़ से करीब 38 हजार मतों की बढ़त दिलाई. रामानुजगंज से विधायक बने कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने करीब 30 हजार मतों की बढ़त दिलाई. रायपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बृजमोहन अग्रवाल को उनकी अपनी विधानसभा सीट रायपुर दक्षिण से 89 हजार मतों की बढ़त मिली. बृजमोहन अग्रवाल ने खुद अपना ही रिकार्ड तोड़ा. विधानसभा चुनाव में उन्होंने रिकार्ड मतों से चुनाव जीता था.

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