तेजी से बदलती कॉर्पोरेट वर्ल्ड में अब महज़ एक दफ्तर नहीं, बल्कि ‘अनुभव’ बिकता है. और इसी अनुभव को हाईटेक और होटल-जैसी सुविधा में बदलने वाली कंपनी Smartworks अब शेयर बाजार में उतरने को तैयार है. कल यानी 11 जुलाई 2025 से Smartworks का IPO सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा, जो 14 जुलाई तक जारी रहेगा. कंपनी का उद्देश्य इस पब्लिक इश्यू से करीब ₹583 करोड़ जुटाना है.
क्या करती है Smartworks?
Smartworks एक Tech-enabled, managed workspace provider है जो गूगल, L&T, ब्रिजस्टोन, ग्रो, परसिस्टेंट सिस्टम्स और मेक माई ट्रिप जैसी दिग्गज कंपनियों को होटल जैसे आधुनिक ऑफिस स्पेस किराए पर मुहैया कराती है.
कंपनी 14 मेट्रो और टियर-1 शहरों में 1 करोड़ वर्गफीट से ज़्यादा जगह मैनेज कर रही है. रियल एस्टेट फर्म CBRE की रिपोर्ट के मुताबिक, Smartworks देश की सबसे बड़ी ब्रांडेड ऑफिस कैंपस ऑपरेटर बन चुकी है.
IPO की डिटेल्स:
इश्यू ओपनिंग डेट: 11 जुलाई 2025
इश्यू क्लोजिंग डेट: 14 जुलाई 2025
फंड रेज़िंग टारगेट: ₹583 करोड़
ऑब्जेक्टिव: विस्तार, लीज देनदारी, और वर्किंग कैपिटल के लिए.
कैसे बनी Smartworks एक बड़ा नाम?
2016 में हर्ष बिनानी और नीतिश सर्राफ द्वारा शुरू की गई इस कंपनी का आइडिया विदेश में पढ़ाई के दौरान आया. उन्होंने महसूस किया कि भारत में प्रोडक्टिव, सुंदर और स्मार्ट वर्कस्पेस की भारी कमी है. इसके बाद उन्होंने High-end, tech-enabled वर्कस्पेस को भारतीय कंपनियों के लिए उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया. कोविड के कठिन समय को पार करते हुए कंपनी आज एक लाभ में आती टेक कंपनी बन चुकी है.
बिजनेस मॉडल:
निवेशकों के लिए सुरक्षा और स्केलेबिलिटी दोनों है. Smartworks एक लीज-बेस्ड मॉडल पर काम करती है. कंपनी डेवलपर्स से ऑफिस स्पेस किराए पर लेती है और उसे गूगल जैसी कंपनियों को प्रीमियम कीमत पर देती है.
इसमें ग्रॉसरी, जिम, लॉन्ड्री, स्मार्ट मीटिंग रूम्स और हाई-स्पीड वाई-फाई जैसी सुविधाएं शामिल होती हैं. कंपनी सिर्फ उन्हीं क्लाइंट्स को ऑफिस स्पेस देती है जिनकी बैलेंस शीट मजबूत होती है. यह निवेशकों के लिए सुरक्षा का संकेत देता है.
2 साल में दोगुनी हुई कमाई, घाटा भी घटा
कंपनी को वित्तीय वर्ष 2023 में कुल आय 711.4 करोड़ रुपए और 101 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ. वहीं वित्तीय वर्ष 2025 में 1,374 करोड़ रुपए का आया और 63 करोड़ रुपए का घाटा हुआ. दो साल में कंपनी की आय दोगुनी से ज्यादा हो गई है. शुद्ध घाटा 13.6% से घटकर 4.5% पर आ गया है. Adjusted EBITDA 36.36 करोड़ से बढ़कर 172.23 करोड़ हो गया.
कैश फ्लो और एफिशिएंसी में जबरदस्त पकड़:
- ओपरेशन से कैश फ्लो: FY24 में 743 करोड़ रुपये
- स्पेस बनाने की लागत: ₹1,350 प्रति वर्ग फुट
- दैनिक मेंटेनेंस खर्च: ₹34-36 प्रति वर्ग फुट
- Payback Period (ROI): 30-32 महीने (इंडस्ट्री औसत 50 माह)
प्रमोटर्स का भरोसा और निवेशकों का सपोर्ट
प्रमोटर की हिस्सेदारी: 65%
प्रमुख निवेशक: Keppel Land (सिंगापुर), Deutsche Bank
यह दर्शाता है कि प्रमोटर्स कंपनी के फ्यूचर को लेकर आश्वस्त हैं और शॉर्ट-टर्म नहीं बल्कि लॉन्ग-टर्म कमिटमेंट के साथ हैं.
क्या करें निवेशक?
यदि आप एक लंबी अवधि के निवेशक हैं और ऐसे सेक्टर में दांव लगाना चाहते हैं जहां भारत की तेजी से बढ़ती डिजिटल इकोनॉमी और कॉर्पोरेट कल्चर मिलकर नया ट्रेंड बना रहे हैं—तो Smartworks का IPO आपके लिए एक दिलचस्प विकल्प हो सकता है.



