मुस्कान एजुकेशन फाउंडेशन ने भूटान में बच्चों को सिखाया अंतरिक्ष विज्ञान और ड्रोन तकनीक.

बिलासपुर. मुस्कान एजुकेशन फाउंडेशन ने भूटान के युवाओं को अंतरिक्ष विज्ञान और ड्रोन तकनीक की रोमांचक दुनिया से जोड़कर एक नया इतिहास रच दिया है। भूटान के गेलेफू मिडिल सेकेंडरी स्कूल में आयोजित दो दिवसीय युवा अंतरिक्ष यात्रियों कार्यक्रम में फाउंडेशन ने भूटान अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी एसोसिएशन और इसरो के साथ मिलकर 300 से अधिक छात्रों को प्रेरित किया। यह भूटान में आयोजित पहला स्पेस और ड्रोन कैंप था, जो सफल रहा। रायपुर से संचालित मुस्कान एजुकेशन फाउंडेशन लंबे समय से ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा दे रहा है। यह संगठन प्राइमरी सरकारी स्कूलों में स्पेस लैब सेटअप करता है। जहाँ बच्चों को इसरो के अंतरिक्ष कार्यक्रमों और प्रक्षेपणों की बुनियादी शिक्षा दी जाती है। इसका उद्देश्य ग्रामीण बच्चे छोटी उम्र से ही अंतरिक्ष विज्ञान में रुचि विकसित करें और भविष्य में इस क्षेत्र में योगदान दे सकें। मुस्कान फाउंडेशन रायपुर, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, असम, अरुणांचल प्रदेश, त्रिपुरा, आंध्रप्रदेश, नेपाल, भूटान और कई अन्य राज्यों और देशों के ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों को स्पेस से जोड़ने का काम कर रहा है। मुस्कान एजुकेशन फाउंडेशन इसरो द्वारा प्रमाणित स्पेस ट्यूटर और सर्टिफाइड मर्चेंट है। इसरो के सहयोग से आयोजित भूटान के इस शिविर का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष विज्ञान को सुलभ और रोमांचक बनाना था। कक्षा 9 से 12 तक के 314 भूटानी छात्रों ने इस शिविर में हिस्सा लिया। अंतरिक्ष और ड्रोन तकनीक की अनुभवात्मक शिक्षा. मुस्कान एजुकेशन फाउंडेशन की पहल पर छात्रों को कई एसटीईएम गतिविधियों से जोड़ा गया, जिसमें सौर अवलोकन, हाइड्रो-रॉकेट प्रक्षेपण, ड्रोन उड़ान और नक्षत्रों की पहचान शामिल थी। कक्षा 10 की छात्रा त्शेरिंग ने सौर दूरबीन से सूर्य को देखकर अपनी हैरानी जताई। उसने कहा, “मुझे नहीं पता था कि सूर्य की सतह इतनी अंधेरी हो सकती है।” ड्रोन प्रदर्शन ने छात्रों की कल्पनाओं को नई उड़ान दी, जबकि हाइड्रो-रॉकेट ने उन्हें पानी की शक्ति से रॉकेट उड़ाने का अनुभव दिया। छात्रों के सपनों को दी नई दिशा. मुस्कान एजुकेशन फाउंडेशन के मार्गदर्शन में छात्रों ने अपने सपनों को साकार करने की प्रेरणा पाई। कक्षा 7 की किंगा रिगेल थिन्ले ने कहा, “मैं एक ऐसा रोबोट बनाना चाहती हूँ जो एकल-उपयोग प्लास्टिक को इकट्ठा कर रीसाइक्लिंग के लिए भेज सके।” वहीं, छात्र देचेन ने हिमालय के दूरदराज गाँवों में दवाइयाँ और आपातकालीन सामग्री पहुँचाने के लिए ड्रोन डिज़ाइन करने की इच्छा जताई। रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा. फाउंडेशन ने स्केचिंग जैसी गतिविधियों के माध्यम से छात्रों को ओरियन जैसे नक्षत्रों को पहचानना सिखाया। कक्षा 9 की पेमा ने गर्व से बताया, “अब मैं आसानी से ओरियन ढूंढ सकती हूँ और अपने दोस्तों को दिखा सकती हूँ।” शिक्षक संगय वांग्मो ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “मुस्कान एजुकेशन फाउंडेशन ने अनुभवात्मक शिक्षा का बेहतरीन माहौल तैयार किया। जब छात्र इन अवधारणाओं को अपने हाथों से आजमाते हैं, तो उनकी रचनात्मकता कई गुना बढ़ जाती है। मुस्कान एजुकेशन फाउंडेशन की प्रतिबद्धता. रायपुर स्थित मुस्कान एजुकेशन फाउंडेशन ने इस आयोजन के जरिए एक बार फिर साबित किया कि शिक्षा के माध्यम से युवाओं में नवाचार और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना संभव है। फाउंडेशन की इस पहल ने न केवल भूटानी छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति उत्साहित किया, बल्कि उन्हें भविष्य के लिए बड़े सपने देखने की प्रेरणा भी दी।





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